नोटबंदी से परेशान लोगों को और राहत देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक मकान, कार, खेती और दूसरे तरह के एक करोड़ रुपये तक के कर्ज लौटाने के लिए 30 दिन का और समय दिया है। उसने पहले 60 दिन का समय देने का फैसला किया था।
इस तरह कर्जदारों यानी आम लोगों को कुल तीन महीने की मोहलत मिल गई है।आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि उसने स्थिति की समीक्षा करके कर्ज लौटाने के लिए 21 नवंबर को घोषित 60 दिन की मोहलत के बाद 30 दिन का और समय देने का फैसला किया है। दूसरी तौर पर कहा जा सकता है कि बैंकों के स्तर पर 90 दिन तक किसी कर्ज खाते में भुगतान न होने की स्थिति में खाते को एनपीए (फंसे कर्ज) में नहीं माना जाएगा।
यह नियम एक नवंबर से 31 दिसंबर के बीच देय बकाया कर्ज पर ही लागू होगा। नोटबंदी के बाद आम लोगों की भुगतान क्षमता प्रभावित होने के कारण आरबीआइ ने यह कदम उठाया है। नोटबंदी के बाद सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक तीन प्रिटिंग प्रेसों में ज्यादा से ज्यादा नोट छापकर सप्लाई सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। इन प्रेसों में तीन-तीन शिफ्ट में नोटों की प्रिंटिंग हो रही है। लेकिन नोट प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी भी लगातार काम करने से पस्त होते जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के शालबनी की करेंसी प्रिंटिंग प्रेस में दिन-रात काम करने वाले कर्मचारी लगातार बीमार हो रहे हैं। परेशान कर्मचारियों ने ओवरटाइम करने से इन्कार कर दिया है। इसके लिए कर्मचारियों के एक वर्ग ने वहां के अधिकारियों को सूचित किया है कि वे नौ घंटे से अधिक काम नहीं करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) के कर्मचारी संघ ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दे दी है।
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