केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान 10वें दिन भी जारी है। आपदा स्थलों के मलबे के नीचे दबे अवशेषों की तलाश के लिए गुरुवार को कुत्तों को भी सेवा में लगाया गया है। जैसे-जैसे खोज अभियान आगे बढ़ रहा है राज्य सरकार भूस्खलन से प्रभावित लोगों के अस्थायी पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रही है।
केरल के वायनाड में आए भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। अभी भी वहां के हालात सामान्य नहीं हुए हैं, भूस्खलन प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान 10वें दिन भी जारी है। आपदा स्थलों के मलबे के नीचे दबे अवशेषों की तलाश के लिए गुरुवार को कुत्तों को सेवा में लगाया गया है।
चलियार नदी के किनारे दुर्गम इलाकों में विशेष खोज दल भेजने के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करना और आपदा प्रभावित चूरलमाला और मुंडक्कई के अलग-अलग छह क्षेत्रों में अधिक बचाव दल, भारी मशीनें और K9 डॉग स्क्वॉड तैनात करना जारी है।
चालियार नदी से 192 शरीर के अंग भी बरामद
भूस्खलन में लापता लोगों की संख्या लगभग 138 थी और 226 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी।इसके अलावा, वायनाड जिला प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 7 अगस्त तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों और चालियार नदी से 192 शरीर के अंग भी बरामद किए गए थे। जैसे-जैसे खोज अभियान आगे बढ़ रहा है, राज्य सरकार भूस्खलन से प्रभावित लोगों के अस्थायी पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए भी काम कर रही है।
सरकारी खर्च पर उपलब्ध कराए जाएंगे फ्लैट
वायनाड में कैंप कर रही एक कैबिनेट उप-समिति ने बुधवार को कहा कि पुनर्वास तीन चरणों में किया जाएगा।पहले चरण में प्रभावित क्षेत्रों या आस-पास की पंचायतों की पंचायत सीमा के अंदर खाली घरों, क्वार्टरों, फ्लैटों और छात्रावासों में पीड़ितों और बचे लोगों का तत्काल, लेकिन अस्थायी समाधान शामिल है। इसके अतिरिक्त, किराये के मकान या फ्लैट सरकारी खर्च पर ढूंढे और उपलब्ध कराए जाएंगे।
स्कूलों में चलाए जा रहे राहत शिविर
सरकार के अधीन इमारतों और सुविधाओं का भी इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। समिति ने कहा था कि जिन स्कूलों में राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, उन्हें मुक्त कराने के लिए अस्थायी पुनर्वास किया जा रहा है ताकि वहां कक्षाएं फिर से शुरू की जा सकें।