भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, भूपिंदर सिंह मान का सुप्रीम कोर्ट की समिति से अलग होना किसान आंदोलन की वैचारिक जीत है। हम भूपिंदर सिंह मान को आमंत्रित करते हैं कि वह भी आंदोलन में शामिल हों।

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए जो चार सदस्यीय कमेटी बनाई है उससे भूपिंदर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है। मान का कहना है कि वह किसानों के जज्बात को देखते हुए कमेटी से अलग हुए हैं। उनका कहना है कि वह किसानों के साथ हमेशा खड़े रहेंगे और उनके हितों के खिलाफ कभी नहीं जाएंगे।
इस बार का गणतंत्र दिवस ऐतिहासिक होगा। 26 जनवरी की परेड में कई लाख ट्रैक्टर शामिल होंगे। पूरा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जाएगा। हिंसा करने वाले किसी भी शख्स से किसान संगठनों का कोई लेना-देना नहीं है।
अगर आंदोलन में कोई भी हिंसा करता है तो वह खुद इसका जिम्मेदार होगा। वह आगे बोले कि, संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जनवरी की परेड के लिए दिल्ली सरकार से पांच लाख राष्ट्रीय ध्वज की मांग की है।
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