लोकतंत्र के सबसे बड़े हथियार ईवीएम मशीन पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. भारत में पहली बार ऐसा नही हुआ है. इसके पहले भी देश में ईवीएम मशीन पर ऊँगलियाँ उठ चुकीं हैं. देश के अलावा विदेश में भी ईवीएम को लेकर कई विवाद जुड़े हैं.
कई देशों ने तो ईवीएम के चलते चुनावों पर सवाल खड़े होने के बाद ईवीएम के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. वहीं कुछ देशों ने चुनावों को विवादों से दूर रखने के लिए अभी तक ईवीएम का इस्तेमाल ही नहीं किया है.
देश में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) वर्ष 2009 में लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार विवादों में आई थी. चुनावों के नतीजे सामने आते ही वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवानी और सुब्रमण्यम स्वामी ने ईवीएम के जरिए चुनावों में धांधली का आरोप लगाया. देश में ये पहला मौका था जब ईवीएम विवादों में आई थी. दूसरी बार गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान स्वामी ने कांग्रेस पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए थे.
वैसे तो चुनावों के दौरान भाजपा गुजरात में पहले नम्बर की पार्टी बनी थी, लेकिन स्वामी का कहना था कि अगर कांग्रेस पार्टी ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की होती तो भाजपा को गुजरात में 35 सीट और मिल जातीं. इस दौरान स्वामी अपनी शिकायत लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चले गए.
ईवीएम के विवादों में आते ही एक और व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. कुछ समय बाद कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को निर्देश जारी कर दिए गए कि ईवीएम पर मतदाताओं का भरोसा बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए.
इसके बाद चुनाव आयोग ने फोटो वोटर स्लिप तकनीक का प्रयोग करने की बात कही. लेकिन ये अलग बात है कि आयोग इस पर पूरी तरह से अभी तक अमल नहीं कर पाया है. इस चुनाव में भी ग्रामीण क्षेत्र को पूरी तरह से छोड़ते हुए शहर की भी सिर्फ कुछ ही सीट पर फोटो वोटर स्लिप तकनीक का इस्तेमाल किया गया.
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ये दूसरा मौका है जब 11 मार्च यूपी विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम पर के साथ छेड़छाड़ का करने का आरोप लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और लालू प्रसाद यादव भी मायावती के आरोपों के साथ सुर से सुर मिला रहे हैं.
अगर बात विदेशों की करें तो इंग्लैण्ड और फ्रांस ने तो अपने यहां ईवीएम का इस्तेमाल ही नहीं किया. वहीं दूसरे देशों में ईवीएम के संबंध में ये कदम उठाए गए हैं-
यहां बैन कर दी गई है ईवीएम
ईवीएम में पारदर्शिता न होने का आरोप लगाते हुए जर्मनी में बैन कर दी गई.
नीदरलैण्ड ने भी जर्मनी के कदम पर चलते हुए ईवीएम बैन कर दी.
ईवीएम के नतीजों को आसानी से बदला जा सकता है, ये आरोप लगाते हुए इटली ने भी ईवीएम को चुनाव प्रक्रिया से हटा दिया.
आयरलैण्ड ने तो ईवीएम को संवैधानिक चुनावों के लिए बड़ा खतरा बताते हुए बैन कर दिया.
बिना पेपर ट्रेल के यूएस के कैलिफोर्निया सहित दूसरे राज्यों ने ईवीएम का इस्तेमाल करने से मना कर दिया था.