नई दिल्ली: एक सर्वे में ज्ञात हुआ है कि आने वाले 50 सालो में भारत में 400 भाषाएं लुप्त को सकती है. यह सर्वे People’s Linguistic Survey of India (PSLI) ने किया है. यहां देश में बोली जाने वाली भाषाओं से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य पेश किये गए है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारतीय 780 विभिन्न भाषाओ का प्रयोग करते है.उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आज वोटिंग शुरू, शाम को 7 बजे आएंगे नतीजे
इस मसले पर पीएसएलआई के चेयरमैन जीएन डेवी ने कहा- देश में इतनी तेजी से भाषाओ के लुप्त होने से उनका वजूद खत्म हो सकता है. वही उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई भाषा खत्म होती है तो उसके साथ कल्चर की भी मौत हो जाती है. ऐसे में अकड़े देखे तो भारत में पिछले पांच दशकों में 250 भाषाएं समाप्त हो चुकी हैं.
इन भाषाओं को है ज्यादा खतरा-
रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज़्यादा खतरा उन भाषाओं को है जो ट्राइबल समुदायों से जुड़ी हैं. उनके बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो उन्हें भारत की मान्य 22 भाषाओं में से ही किसी एक या दो भाषाओं के बारे में ही उनको पढ़ाया जाता है.