भारत-बांग्लादेश मिलकर करेंगे टेक्सटाइल बाजार से चीन की छुट्टी, एमओयू जल्द होने की उम्मीद

भारत वैश्विक टेक्सटाइल बाजार से चीन की छुट्टी बांग्लादेश के साथ मिलकर करेगा। इस संबंध में दोनों देश सैद्धांतिक तौर पर राजी हो गए हैं और जल्द ही इस सिलसिले में भारत-बांग्लादेश के बीच आपसी समझौते हो सकते हैं। इस समझौते को जल्द से जल्द अंजाम देने के लिए बुधवार को टेक्सटाइल मंत्री स्मृति ईरानी ने बांग्लादेश के टेक्सटाइल मंत्री गोलाम दस्तागिर गाजी को भारत आने का निमंत्रण दिया।

वैश्विक बाजार में साथ मिलकर टेक्सटाइल उत्पाद बेचने पर सहमति बन सकती है

बुधवार को एक वर्चुअल बैठक में दोनों देशों के मंत्रियों व टेक्सटाइल उद्यमियों के बीच वैश्विक बाजार में एक साथ मिलकर टेक्सटाइल उत्पाद बेचने पर सहमति बनती नजर आई। बांग्लादेश में भारत से जाने वाले टेक्सटाइल आइटम पर चीन के मुकाबले अधिक शुल्क को भी कम करने की बात रखी गई।

टेक्सटाइल बाजार में चीन की 35 फीसद हिस्सेदारी को भारत-बांग्लादेश मिलकर करेंगे खत्म

इस मौके पर टेक्सटाइल मंत्रालय के सचिव रवि कपूर ने कहा कि टेक्सटाइल बाजार में चीन की हिस्सेदारी 35 फीसद है जिसे भारत और बांग्लादेश एक साथ मिलकर अगले पांच साल में खत्म कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास वैश्विक स्तर के स्पिनिंग हैं, कॉटन है, फैबरिक है। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल बाजार में इस प्रकार के बदलाव लाने का यह सबसे उपयुक्त समय है और इसमें देर करने की जरूरत नहीं है।

भारत के पास गारमेंट के निर्माण के लिए उम्दा कॉटन, यार्न और फैबरिक हैं 

कपूर ने कहा कि बांग्लादेश चाहे तो कोरोना काल में भी इस समझौते के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के पास गारमेंट के निर्माण के लिए उम्दा कॉटन, यार्न और फैबरिक हैं जिससे उम्दा गारमेंट का निर्माण किया जा सकता है।

वैश्विक गारमेंट निर्यात में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 6.8 फीसद, भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 3.5 फीसद 

वैश्विक गारमेंट निर्यात में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 6.8 फीसद है, वहीं भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 3.5 फीसद है। चीन के बाद बांग्लादेश विश्व का दूसरा सबसे बड़ा गारमेंट निर्यातक है, लेकिन बांग्लादेश के पास गारमेंट के लिए जरूरी कॉटन, यार्न, फैबरिक और मैन मेड फेबरिक की कमी है।

भारत और बांग्लादेश अन्य देशों से कम कीमत पर बिक्री की पेशकश कर सकते हैं

बांग्लादेश इन कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर करता है। भारत इन कच्चे माल की आपूर्ति के साथ बांग्लादेश में भारत के एथनिक गारमेंट की भी आपूर्ति करना चाहता है और साथ मिलकर गारमेंट का बड़ा विक्रेता बनना चाहता है। इस मौके पर अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (एईपीसी) के चेयरमैन ए.शक्तिवेल ने कहा कि दोनों देश एक साथ मिलकर टेक्सटाइल मेले का आयोजन कर सकते हैं और एक साथ मिलकर बेचने पर वे खरीदार को अन्य देशों से कम कीमत पर बिक्री की पेशकश कर सकते हैं।

 

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