नई दिल्ली। भारत सरकार ने ब्रिटेन से मांग की है कि उद्योगपति और बियर किंग विजय माल्या को भारत वापस लाए जाने के लिए प्रत्यर्पण की कार्रवाई जल्द की जाए दरअसल विजय माल्या पर बैंक के करीब 9 हजार करोड़ रूपए दिए बिना ही विदेश चले जाने का आरोप बताया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने कई बैंकों का कर्ज नहीं लौटाया। उन पर मनी लाॅन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है। ब्रिटेन निवासी 61 वर्षीय माल्या को भारत के प्रत्यर्पण निवेदन पर स्काॅटलैंड यार्ड द्वारा पकड़ा गया था।
विजय माल्या को इस मामले में जमानत देकर छोड़ दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने ब्रिटेन के गृह विभाग में सचिव पेट्सी विल्किंसन से भेंट की। इस भेंट में जहां विजय माल्या पर चर्चा हुई वहीं आईएसआईएस के आतंकी नेटवर्क को लेकर चर्चा की गई। गौरतलब है कि 61 वर्षीय माल्या को भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर स्कॉटलैंड यार्ड ने कुछ हफ्ते पहले गिरफ्तार किया।
हालांकि गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के भीतर लंदन की अदालत ने ठगी और धोखाधड़ी के आरोपी माल्या को जमानत पर छोड़ दिया। विजय माल्या ने प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन की कोशिशों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यदि दोनों देशों के बीच एकपक्षीय संवाद हो तो फिर इस कार्य को जल्द पूर्ण किया जा सकेगा।
मिली जानकारी के अनुसार भारत व ब्रिटेन में 1992 में प्रत्यर्पण संधि हुई थी। भारत के एक ही व्यक्ति का प्रत्यर्पण अब तक हुआ है दरअसल वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद हुउ गुजरात उपद्रव में समीरभाई विनुभाई पटेल को ही प्रत्यर्पित किया गया। दूसरी ओर भारत अपने कई ऐसे लोगों की सूची ब्रिटेन को दे चुका है जिन्हें वह प्रत्यर्पित करना चाहता है।