भारत और चीन के बीच एक बड़ा व्यापार घाटा केन्द्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. इस घाटे का सीधा मतलब है कि हम चीन से जितना उत्पाद और सेवाएं खरीदते हैं उससे कम उत्पाद और सेवाएं हम चीन के बाजार में बेचते हैं. इस घाटे को पाटने के लिए केन्द्र सरकार अब बॉलिवुड स्टार आमिर खान का सहारा ले सकती है.
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय में सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार आमिर खान को भारतीय सेवाओं की चीन में मांग बढ़ाने की जिम्मेदारी देते हुए उन्हें ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त कर सकती है. इस जिम्मेदारी के तहत चीन के सर्विस सेक्टर में भारत को एक मजबूत दावेदार की तरह पेश करना होगा. इसके जरिए चीन को की जा रही सेवाओं के निर्यात में इजाफा करना है जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे को पाटा जा सके. फिलहाल वाणिज्य मंत्रालय ने आमिर खान को ब्रांड एम्बेसडर बनाने का प्रस्ताव विदेश मंत्रालय को भेजा है जहां इसपर अंतिम फैसला लिया जाना है.
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जहां उत्पाद क्षेत्र में चीन से भारत का व्यापार घाटा लगभग 51 बिलियन डॉलर है वहीं सेवा क्षेत्र में यह घाटा 270 मिलियन डॉलर के आसपास है. वित्त वर्ष 2017-18 अप्रैल से जनवरी के दौरान भारत ने चीन को 10.3 बिलियन डॉलर का निर्यात किया जबकि इस दौरान चीन ने भारत को लगभग 63.2 बिलियन डॉलर का आयात किया, लिहाजा भारत को इस दौरान लगभग 52.9 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा उठाना पड़ा.
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की यह पहल चीन में आमीर खान की लोकप्रियता को देखते हुए उठाया जा रहा है. बीते कुछ वर्षों के दौरान आमीर खान की फिल्मों ने चीन में न सिर्फ अच्छा प्रदर्शन किया है बल्कि नया कीर्तिमान भी स्थापित किया है. बीते वर्षों में जहां आमिर खान की 3 ईडियट ने चीन में 16 करोड़ रुपये की कमाई की वहीं पीके ने 123 करोड, दंगल ने 1200 करोड़ और सीक्रेट सुपरस्टार ने 800 करोड़ रुपये की कमाई की है.
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