रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ली को बताया कि भारत चीन के साथ संबंध सुधारना चाहता है लेकिन यह तभी हो सकता है जब सीमा पर अमन-चैन बहाल हो जाए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष से कहा कि दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों के लिए सीमा पर ‘शांति’ जरूरी है। भारत और चीन के बीच संबंध तब बिगड़ गए थे, जब 2020 में गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुए संघर्ष में 24 लोग मारे गए थे। सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बाद स्थिति काफी हद तक शांत हो गई है, लेकिन 3,800 किलोमीटर (2,360 मील) की सीमा पर तनाव अभी भी जारी है।
‘सीमा पर शांति के बिना नहीं हो सकता संबंधों का विकास’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू के साथ एक बैठक में कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों का विकास सीमाओं पर शांति के प्रसार पर आधारित है। उन्होंने दोहराया कि मौजूदा समझौतों के उल्लंघन ने द्विपक्षीय संबंधों के पूरे आधार को खत्म कर दिया है। सीमा से जुड़े सभी मुद्दों को मौजूदा समझौतों के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए।
बता दें, भारत ने चीन पर अपने हिस्से में लगातार घुसपैठ करने का आरोप लगाया है, जबकि चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है और उल्लंघन के लिए भारत को ही दोषी ठहराया है।
‘उम्मीद है, दोनों देश मिलकर काम करेंगे’
चीन के रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों द्वारा सैन्य और राजनयिक माध्यमों से संचार बनाए रखने के साथ सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर है। शुक्रवार को मंत्रालय के सोशल मीडिया पोस्ट में ली के हवाले से कहा गया, ‘उम्मीद है कि दोनों पक्ष दोनों सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को लगातार बढ़ाने और दोनों देशों के बीच संबंधों के विकास में उचित योगदान देने के लिए मिलकर काम करेंगे।’
ली ने कहा कि दोनों देशों को अपने संबंधों का ‘व्यापक, दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण’ अपनाना चाहिए।नई दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक से पहले दोनों मंत्रियों की मुलाकात हुई। सितंबर 2020 के बाद से दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच यह पहली बैठक है, जब उन्होंने मॉस्को में एससीओ की बैठक के दौरान बातचीत की थी। गलवान घाटी में हिंसा होने के बाद किसी चीनी रक्षा मंत्री की यह पहली भारत यात्रा है।
‘हमें एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ना चाहिए’
दिल्ली में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ना चाहिए। अगर एससीओ को मजबूत होकर उभरना है तो हमें मिलकर लड़ना होगा। आतंकी समूह सोशल मीडिया और क्राउडफंडिंग जैसे नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
‘एससीओ को मजबूत बनाने के लिए भारत प्रतिबद्ध’
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एससीओ को मजबूत बनाने, एससीओ के शासनादेश के कार्यान्वयन में योगदान देने और हमारी साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए हमें अपने एजेंडे पर ध्यान देने की जरूरत है। इससे प्रत्येक सदस्य देश के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी।