सिंगापुर दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने वहां से भारत और चीन के रिश्तो पर बात करते हुए कहा है कि भारत एवं चीन एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रहते हुए जब विश्वास एवं भरोसे के साथ मिलकर काम करेंगे तो वह एशिया एवं विश्व का सबसे बेहतर भविष्य होगा. यहाँ सिंगापुर के शंगरी-ला वार्ता से मोदी ने कहा, ‘अप्रैल में राष्ट्रपति शी के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता ने हमारी इस समझ को मजबूती देने में मदद की कि हम दोनों देशों के बीच मजबूत एवं स्थिर संबंध वैश्विक शांति एवं प्रगति के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं.’ मोदी शंगरी-ला वार्ता को सम्बोधित करने वाला पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. इसे सामरिक एवं रक्षा मामलों पर चर्चा के लिए एशिया का महत्वपूर्ण सम्मेलन माना जाता है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ एक माह पहले अनौपचारिक शिखर वार्ता हुई थी. इस वार्ता में दोनों पक्षों भारत और चीन ने आपसी भरोसा एवं समझ विकसित करने पर एक-दूसरे से सहमति जताई थी. पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरा दृढ़ता से मानना है कि जब भारत एवं चीन विश्वास एवं भरोसे के साथ मिलकर तथा एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील होकर काम करेंगे तो एशिया एवं विश्व का बेहतर भविष्य होगा.

भारत-चीन के रिश्तें सवेंदनशील- पीएम मोदी

सिंगापुर दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने वहां से भारत और चीन के रिश्तो पर बात करते हुए कहा है कि भारत एवं चीन एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रहते हुए जब विश्वास एवं भरोसे के साथ मिलकर काम करेंगे तो वह एशिया एवं विश्व का सबसे बेहतर भविष्य होगा. सिंगापुर दौरे पर गए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने वहां से भारत और चीन के रिश्तो पर बात करते हुए कहा है कि भारत एवं चीन एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील रहते हुए जब विश्वास एवं भरोसे के साथ मिलकर काम करेंगे तो वह एशिया एवं विश्व का सबसे बेहतर भविष्य होगा.      यहाँ सिंगापुर के शंगरी-ला वार्ता से मोदी ने कहा, ‘अप्रैल में राष्ट्रपति शी के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता ने हमारी इस समझ को मजबूती देने में मदद की कि हम दोनों देशों के बीच मजबूत एवं स्थिर संबंध वैश्विक शांति एवं प्रगति के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं.’ मोदी शंगरी-ला वार्ता को सम्बोधित करने वाला पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. इसे सामरिक एवं रक्षा मामलों पर चर्चा के लिए एशिया का महत्वपूर्ण सम्मेलन माना जाता है.     गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ एक माह पहले अनौपचारिक शिखर वार्ता हुई थी. इस वार्ता में दोनों पक्षों भारत और चीन ने आपसी भरोसा एवं समझ विकसित करने पर एक-दूसरे से सहमति जताई थी. पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरा दृढ़ता से मानना है कि जब भारत एवं चीन विश्वास एवं भरोसे के साथ मिलकर तथा एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील होकर काम करेंगे तो एशिया एवं विश्व का बेहतर भविष्य होगा.

यहाँ सिंगापुर के शंगरी-ला वार्ता से मोदी ने कहा, ‘अप्रैल में राष्ट्रपति शी के साथ दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता ने हमारी इस समझ को मजबूती देने में मदद की कि हम दोनों देशों के बीच मजबूत एवं स्थिर संबंध वैश्विक शांति एवं प्रगति के लिए महत्वपूर्ण कारक हैं.’ मोदी शंगरी-ला वार्ता को सम्बोधित करने वाला पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. इसे सामरिक एवं रक्षा मामलों पर चर्चा के लिए एशिया का महत्वपूर्ण सम्मेलन माना जाता है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ एक माह पहले अनौपचारिक शिखर वार्ता हुई थी. इस वार्ता में दोनों पक्षों भारत और चीन ने आपसी भरोसा एवं समझ विकसित करने पर एक-दूसरे से सहमति जताई थी. पीएम मोदी ने कहा, ‘मेरा दृढ़ता से मानना है कि जब भारत एवं चीन विश्वास एवं भरोसे के साथ मिलकर तथा एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील होकर काम करेंगे तो एशिया एवं विश्व का बेहतर भविष्य होगा.

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