भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौता रिन्यू नहीं करेगा मालदीव; जानें क्या है वजह?

मालदीव एक के बाद एक भारत को झटका दे रहा है। हाल ही में भारतीय सैनिकों की वापसी की मांग करने के बाद अब मालदीव ने भारत के साथ हुए हाइड्रोग्राफिक सर्वे समझौता को खत्म करने का फैसला लिया है। 

2019 में हुआ था सर्वे
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान आठ जून, 2019 को हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। जल विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग और खोज के लिए दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ था। जिसे लगातार भारत विरोधी रुख दिखा रही मोहम्मद मोइज्जू की सरकार ने खत्म करने का एलान किया है। गौरतलब है, राष्ट्रपति मोइज्जू को चीन का करीबी समझा जाता है और वह लगातार भारत विरोधी रुख का इजहार करते रहे हैं। 

अगले साल होगा खत्म
समझौता अगले साल सात जून को खत्म हो जाएगा। यह समझौता 2019 में मालदीव आईलैंड के पानी पर रिसर्च करने के लिए हुआ था। इस समझौते के तहत भारत को मालदीव आईलैंड के पानी, रीफ, लैगून, कोस्टलाइन, समुद्री धाराओं और टाइड्स पर स्टडी करने की अनुमति दी गई थी। 19 फरवरी से 26 फरवरी 2023 के बीच भारतीय नौसेना ने मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स के साथ तीसरा जॉइंट हाइड्रोग्राफिक सर्वे किया था। पहला सर्वे मार्च 2021 और दूसरा सर्वे मई 2022 में हुआ था। वहीं, मालदीव सरकार के इस फैसले को ‘इंडिया आउट’ अभियान के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।

राजनयिक समझौतों को रद्द करना
रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव ने कहा है कि वह भारत के साथ किए गए हाइड्रोग्राफिक सर्वे समझौते को आगे नहीं बढ़ाएगा। मालदीव के सार्वजनिक नीति के अवर सचिव मोहम्मद फिरुजुल ने कहा कि ‘हफ्ता-14’ रोडमैप का हिस्सा अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय और राजनयिक समझौतों को रद्द करना है जो देश की संप्रभुता को खतरे में डाल देंगे। वह गुरुवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय में आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे।

समझौता पांच साल के लिए फिर बढ़ जाएगा
उन्होंने कहा कि मालदीव के राष्ट्रपति और उनके मंत्रिमंडल ने भारत-मालदीव के बीच हाइड्रोग्राफी समझौते को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि अगर इसे खत्म करने का कोई आदेश नहीं देता है तो यह समझौता पांच साल के लिए फिर बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और मंत्रिमंडल मालदीव के जल के बारे में जानकारी और आंकड़े देश में ही रखना चाहता है। 

इस क्षमता का निर्माण करना चाहती…
अवर सचिव ने यह भी कहा कि सरकार सशस्त्र बलों (एमएनडीएफ) के भीतर इस क्षमता का निर्माण करना चाहती है और एमएनडीएफ के भीतर इस तरह के काम के लिए संसाधनों को विकसित करने के लिए बजट आवंटन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महासागर हाइड्रोग्राफी सर्वेक्षण का काम अब केवल मालदीव के प्राधिकरण के तहत किया जाएगा। 

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