आतंकवाद को फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नज़र रखने वाले ग्लोबाल वॉचडॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए पाकिस्तान खूब हाथ-पैर मार रहा है. इसके लिए वो अमेरिका से मदद की गुहार लगा सकता है.
दरअसल, इस वक्त अमेरिका की प्रमुख उप विदेश मंत्री एलिस वेल्स इस्लामाबाद के चार दिन के दौरे पर हैं. वेल्स दक्षिण और मध्य एशिया मामलों को देखती हैं.
क्षेत्र के 10 दिन के दौरे के हिस्से के तौर पर ही वेल्स पाकिस्तान पहुंची हैं. उनकी इस पूरी कवायद का मकसद क्षेत्रीय स्थिरता, अफगान शांति प्रक्रिया और मध्य-पूर्व तनाव को घटाना है.
वेल्स ने पाकिस्तान पहुंचने से पहले भारत और श्रीलंका का दौरा किया. इस्लामाबाद में अपने प्रवास के दौरान वेल्स पाकिस्तान के राजनैतिक और सैन्य नेतृत्व से बात करेंगी. इस मौके पर द्विपक्षीय हित और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी.
हालांकि पाकिस्तान का एजेंडा अमेरिकी प्रशासन से कश्मीर पर भारत के खिलाफ अपने रुख पर समर्थन हासिल करने के अलावा खुद को FATF की ग्रे सूची से बाहर आने के लिए मदद मांगना भी होगा.
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी हाल ही में अमेरिका के दौरे पर गए थे. वहां कुरैशी ने FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए अमेरिका की मदद पर जोर दिया था. कुरैशी पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि अमेरिका इस काम में उसकी मदद करेगा.
साथ ही पाकिस्तान की ओर से इस दिशा में की जा रही कोशिशों को समर्थन देगा. FATF की अगली बैठक बीजिंग में होनी है. कुरैशी ने कहा था, ‘ये बैठक हमारे लिए बहुत अहम है. उसके बाद अप्रैल में पेरिस में निर्णायक बैटक होगी. जहां वैश्विक संस्था तय करेगी कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखा जाए या नहीं.
बीजिंग में होने वाली FATF की बैठक में ये देखा जाएगा कि पाकिस्तान ने 27 सूत्री एक्शन प्लान को पूरा करने की दिशा में क्या कोशिशें कीं.