भारत और चीन के बीच लद्दाख घाटी में तनाव की स्थिति है और गलवान घाटी में झड़प के दौरान भारतीय जवानों की शहादत ने इस माहौल को और गर्मा दिया है. इस बीच चीन के झूठ का पर्दाफाश करने वाली एक रिपोर्ट सामने आई है, जो बताती है कि चीन किस तरह जानबूझकर माहौल खराब कर रहा है. अमेरिकी इंटेलिजेंस की इस रिपोर्ट से साफ उजागर है कि चीन सच छुपा रहा है.
1. चीन का भारत के जवानों पर हमला सोची समझी चाल थी. जनरल झाओ झोंग्की जो कि चीनी आर्मी के वेस्ट थियेटर कमांड के प्रमुख हैं. उन्होंने ने ही भारतीय बॉर्डर पर इस एक्शन का आदेश दिया था.
2. चीनी सेना ने अपने मारे गए सैनिकों के लिए एक मेमोरियल सर्विस भी रखा लेकिन उसे किसी की नज़र में नहीं आने दिया, इससे जुड़ी वीडियो-फोटो जो सोशल मीडिया पर आए उन्हें हटा दिया गया.
3. जनरल झाओ झोंग्की इससे पहले वियतनाम की लड़ाई और फिर 2017 में हुए डोकलाम विवाद में भी अहम भूमिका निभा चुका है.
4. चीन की ओर से पहले से ही ऐसी झड़प को प्लान किया गया था, जिसमें उसके भी करीब 35 जवान मारे गए हैं. चीन चाहता है कि भारत उसके आसपास के देशों के साथ ही उलझकर रह जाए, ताकि अमेरिका से दूरी बनी रहे.
5. चीन ने गलवान घाटी के पास काफी हथियार जमा किए हैं और अपना एक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है. 15 जून की घटना को लेकर कहा गया है कि जब भारत के कुछ अफसर और जवान चीन से बात करने पहुंचे तो चीनी सैनिक पहले से ही हथियारों के साथ घात लगाकर बैठे थे जिसके बाद उन्होंने हमला कर दिया. जब दूसरे भारतीय सैनिक बचाव के लिए आए तो दोनों सेनाओं में खूनी झड़प हुई.
6. चीन ने जैसा सोचा था, ये वैसा नहीं हुआ. यहां तक कि चीनी सरकार द्वारा अधिकृत मीडिया ने भी इस बारे में इतना कुछ नहीं छापा.
7. इस घटना को लेकर चीनी सोशल मीडिया में जो भी लिखा गया, उसपर चीन ने सेंसर कर दिया. चीन को लगा था कि उसको ज्यादा नुकसान नहीं होगा, लेकिन 35 से ज्यादा जवान मारे गए.
8. 15 जून की घटना के तुरंत बाद चीनी मीडिया ने भारत पर हमला तेज़ कर दिया. लेकिन जब ग्राउंड से रिपोर्ट निकलकर आई तो उसकी ओर से थोड़ा हल्का रुख अपनाया गया.
9. रिपोर्ट के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय ने पूरी झड़प का ठीकरा भारत पर फोड़ दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक तय सीमा को भारत के जवानों द्वारा पार किया गया, जिसके बाद चीन ने अपनी सीमा की रक्षा करना शुरू किया.
10. अमेरिका इस पूरी गतिविधि पर नज़र बनाए हुए है, भारत उसका साथी है ऐसे में मुश्किल घड़ी में अमेरिका उसके साथ खड़ा है. विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन को कड़ा संदेश भी दिया है.