बीजिंगः चीन की सरकारी मीडिया की एक रिपोर्ट में एक सैन्य विशेषज्ञ के हवाले से कहा गया है कि चीन अपने पश्चिमी थिएटर कमान की हवाई रक्षा व्यवस्था को उन्नत बना रहा है ताकि भारत से किसी तरह के खतरे का सामना किया जा सके. चीन के पश्चिमी थिएटर कमान पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास की सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है. एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि चीनी सेना ने एक जे-10 और जे-11 लड़ाकू विमानों की तस्वीर जारी की जो मौजूदा चीनी नव वर्ष एवं वसंत उत्सव अवकाश के दौरान पश्चिमी चीन में काफी ऊंचाई वाले पठार पर उड़ान भर रहे हैं.
जे-10 हल्के वजन का बहुद्देशीय लड़ाकू विमान है जबकि जे-11 एक सीट और दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वेबसाइट पर बताया गया है कि ये लड़ाकू विमान पीएलए की पश्चिमी थिएटर कमान के तहत वायुसेना की एक विमानन ब्रिगेड से संबद्ध हैं. चीन ने हाल में अपने खुफिया लड़ाकू विमान जे-20 को सेना में शामिल किया है. यह क्षेत्र में तैनात किया गया पहला ऐसा विमान है.
चीनी सैन्य विशेषज्ञ एवं टीवी टिप्पणीकार सोंग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि पर्वतीय इलाके के हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण मजबूत करना चीन के लिए अहम है. सोंग ने कहा कि 3.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को मजबूत करना या पश्चिमी थिएटर कमान में ज्यादा आधुनिक लड़ाकू विमानों को तैनात करना पीएलए के लिए अत्यावश्यक रहा है. भारत के पास तीसरी पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं, इसे देखते हुए चीन द्वारा 3.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को तैनात करने से वह भारत से किसी मौजूदा खतरे से निपट सकने में सक्षम होगा.
संभवत: भारत द्वारा फ्रांस से राफेल विमानों की खरीद की ओर इशारा करते हुए सोंग ने कहा कि भारत की ओर से नए लड़ाकू विमानों के आयात के मद्देनजर चीन पश्चिमी थिएटर कमान में अपने लड़ाकू विमानों को मजबूत करना जारी रखेगा. साल 2013 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ही शी चिनफिंग पीएलए से कहते रहे हैं कि वह स्थानीय युद्धों को जीतने के लिए सीधी (लाइव) फायरिंग ड्रिलें करती रहे. चिनफिंग कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चीन के महासचिव एवं केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष भी हैं.
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