भारतीय समझ अपने ही पायलट की मॉब लिंचिंग कर दी पाकिस्तानियों ने…

27 फरवरी को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने दावा किया था कि उनके प्लेन ने दो भारतीय पायलट को हिरासत में लिया है, लेकिन कुछ ही घंटे में पाकिस्तानी सेना ने साफ किया कि उनके कब्जे में एक ही भारतीय पायलट है. ये भारतीय पायलट थे विंग कमांडर अभिनंदन. विंग कमांडर अभिनंदन की वतन वापसी के बाद सैन्य विशेषज्ञ और दुनिया भर में फैले भारतीय और पाकिस्तानी अब ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जिस दूसरे पायलट को कब्जे में लेने की बात पाकिस्तानी सेना कर रही थी वो आखिर थे कौन?

इस रहस्य से पर्दा उठाया है लंदन में रहने वाले पाकिस्तान वकील खालिद उमर थे. खालिद उमर ने एक विस्तृत पोस्ट में दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना जिस दूसरे पायलट को गिरफ्तार करने का दावा कर रही थी वो पाकिस्तानी पायलट ही थे. लेकिन अब वो इस दुनिया में नहीं रहे. दरअसल भारत ने बड़े गर्व के साथ ये माना कि विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ते हुए PoK में चले गए थे, लेकिन पाकिस्तान ने अपने एक पायलट की मौत की खबर छुपा ली. ताकि उसे शर्मिंदगी ना झेलनी पड़े.

खालिद उमर ने दावा किया है कि 27 फरवरी को सैन्य कार्रवाई के वक्त मारे गए पायलट पाकिस्तानी एयर फोर्स के विंग कमांडर शाहजाज उद्दीन थे. शाहजाज उद्दीन 19वीं स्क्वाड्रन से जुड़े थे और घटना के वक्त वह F-16 उड़ा रहे थे.

खालिद उमर ने लिखा है कि वह एयर मार्शल वसीमउद्दीन के बेटे थे. उन्होंने लिखा है कि विंग कमांडर अभिनंदन ने, जो कि खुद भी वायुसेना के पूर्व अधिकारी के बेटे हैं , F-16 को मार गिराया, इसके बाद खुद उनका मिग-21 भी पाकिस्तानी फाइटर प्लेन की गोलीबारी की चपेट में आ गया.

खालिद उमर आगे लिखते हैं कि इस पूरे घटनाक्रम का सबसे दुखदायी पहलु ये है कि आकाश में जब भारत और पाकिस्तान के विमान टकरा रहे थे इस दौरान पाकिस्तानी पायलट PoK की सीमा में ही उतरने में कामयाब रहे, हालांकि उन्हें कुछ चोट लगी लेकिन वे जिंदा थे, लेकिन तभी उन्हें कुछ पाकिस्तानियों ने घेर लिया और उन्हें बेरहमी से पीटने लगे, दरअसल पाकिस्तानियों ने उन्हें भारतीय पायलट समझ लिया था. यहां ये बताना जरूरी है कि जब विंग कमांडर अभिनंदन PoK में गिरे थे तो वहां भी स्थानीय लोगों ने उनपर हमला कर दिया था.

जब तक विंग कमांडर शाहजाज ने अपनी पहचान साबित की उन्हें काफी मारा-पीटा जा चुका था. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. खालिद उमर कहते हैं कि इससे दुखद कुछ भी नहीं हो सकता है. उन्होंने अपने लेख में पाकिस्तानी परिवार के प्रति संवेदना जताई है. खालिद उमर के इस पोस्ट को भारत के जाने-माने पत्रकारों ने शेयर किया है. फेसबुक पर इसे 3 हजार बार शेयर किया जा चुका है.

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