भारतीय वायुसेना ने शहर की दो आयुध निर्माणियों में बनने वाले बेहद शक्तिशाली 100–120 किलोग्राम ‘एरियल बम’ की सप्लाई पर बीच में ही रोक लगा दी है। आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) और ग्रे आयरन फाउंड्री (जीआइएफ) प्रशासन को इस रोक का कारण पता नहीं है, जबकि वायुसेना की रोक से दोनों निर्माणियां वित्तीय वर्ष 2020-21 में करीब 50 करोड़ का उत्पादन करने से चूक जाएंगी।
विदित हो कि जीआइएफ में एरियल बम की बॉडी (खोल) की ढलाई और ओएफके में उक्त खोल में बारूद भरने का गुणवत्तायुक्त काम होता है। वायुसेना की रोक से निर्माणियों के जिन सेक्शनों में यह बम बनाने का काम हो रहा था, उसे बीच में बंद कर दिया गया है। जीआइएफ पर अब बड़ा संकट आ गया है, क्योंकि यह निर्माणी मुख्य रूप से एरियल बम की खोल ही बनाती है। इस निर्माणी के भरण अनुभाग के कर्मचारियों को जल्द ही दूसरे अनुभाग में शिफ्ट कर दिया जाएगा। बावजूद इसके जीआइएफ को संकट से उबरने का रास्ता नहीं सूझ रहा है, इसलिए निर्माणी प्रशासन अब आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) से लगातार पत्राचार करके नया इंडेंट लेने के प्रयास कर रहा है।
नए आदेश का इंतजार
सूत्र बताते हैं कि जीआइएफ ने कुछ दिन पहले ही 250 किलोग्राम एरियल बम की खोल बनाई है। सैन्य परीक्षण में यह खोल खरी उतरी, जिससे जीआइएफ को अब वायुसेना के लिए यह बम बनाने नए आदेश का इंतजार है। 1500 बॉडी बनाई जीआइएफ ने वित्तीय वषर्ष 2020-21 में वायुसेना के लिए 100-120 किलोग्राम एरियल बम की 1500 से अधिक खोल बनाने का काम किया है। निर्माणी को इस वित्तीय वर्ष में लगभग 2 हजार एरियल बम बनाने का इंडेंट मिला था। यहां अभी भी 400-500 बमों के खोल पाइपलाइन में हैं, लेकिन वायुसेना की ना से प्रबंधन अब परेशान है।
रविकांत, महाप्रबंधक, आयुध निर्माणी खमरिया, जबलपुर
वायुसेना ने 100-120 किलोग्राम एरियल बम की सप्लाई पर अचानक ही रोक लगा दी है। कारण नहीं पता, लेकिन निर्माणी के कर्मचारियों से अन्य कार्य लिया जा रहा है।