भारतीय नौसेना की ताकत में और इजाफा हुआ है। नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। डीआरडीओ और आईएआई ने इसे मिलकर विकसित किया है।
भारतीय नेवी को एक और सफलता हाथ लगी है। नेवी ने आईएनएस विशाखापट्टनम से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। परीक्षण के दौरान एमआरएसएएम ने टारगेट पर एकदम सटीक निशाना लगया।
एमआरएसएएम पूरी तरह से भारत में निर्मित है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ये एक बड़ा कदम है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्री (आईएआई) ने इसे मिलकर बनाया है।
मिसाइल की खासियत
एमआरएसएएम को सितंबर 2021 में भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह हवा में एक साथ आने वाले कई टारगेट या दुश्मनों पर 360 डिग्री घूम कर एक साथ हमला कर सकती है। ये मिसाइल 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाली किसी भी मिसाइल, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, निगरानी विमानों और हवाई दुश्मनों को मार गिराने में भी सक्षम है। दुश्मन की सही जानकारी मिले, इसके लिए इसमें कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, रडार सिस्टम, मोबाइल लांचर सिस्टम, एडवांस्ड लांग रेंज रडार, रीलोडर व्हीकल और फील्ड सर्विस व्हीकल आदि शामिल किए गए हैं।