भारतीय जवान चंदु की रिहाई के बाद पाक ने पीएम मोदी के सामने ऱख दी पूरी न होने वाली शर्त

20-27hindistoryimage5_5 (1)सर्जिकल स्ट्राइक के बाद गलती से पाकिस्‍तानी सीमा में चले गए भारतीय सेना के जवान चंदू चव्‍हाण के घर पर मोदी सरकार की बदौलत जश्न का माहौल है। इस खुशी का कारण है कि देश का बेटा सकुशल घर वापस आ गया है। इस बीच पाकिस्तान ने पीएम मोदी से न पूरी होने वाली शर्त रख दी है।

चंदू बाबूलाल चव्हाण सर्जिकल स्ट्राइक के आसपास के वक्त गलती से सीमा पर कर पाकिस्तान में दाखिल हो गए थे। अब इन्हें रिहा कर दिया गया है। लेकिन पाक की तरफ से उरी हमले को अंजाम देने वाले आंतकियों की मदद करने के आरोप में पकड़े गए दो पाकिस्तानी लड़कों छोड़ने की शर्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रख दी गई है। यह शर्त भारतीय जवान चंदू बाबूलाल चव्हाण को छोड़े जाने के बाद रखी गई है।

जवान चंदू चव्‍हाण की रिहाई के बाद उनके भाई भूषण ने कहा कि उसके स्वागत के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं और पटाखे छोड़े जा रहे हैं। अपने गांव बोरवीहिर से उन्होंने बताया, ‘‘पाकिस्तान में चंदू को पकड़ने की खबर सुनकर दादी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। हमने फैसला किया था कि चंदू के वापस लौटने तक दादी की अस्थियों का नदी में विसर्जन नहीं किया जाएगा। अब वह दिन आ गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सुभाष भामरे (रक्षा राज्य मंत्री एवं स्थानीय सांसद) का फोन आया था और उन्होंने हमें चंदू की रिहाई के बारे में सूचना दी।’’ उन्होंने कहा कि वह रक्षा मंत्री और डीजीएमओ के सभी अधिकारियों के प्रति आभारी हैं जिन्होंने चंदू की रिहाई के लिए लगातार प्रयास किए।

भूषण चव्हाण ने पाकिस्तान स्थित मानवाधिकार संगठनों को भी पत्र लिखकर अपने भाई जवान चंदू चव्‍हाण की रिहाई में मदद का आग्रह किया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत को भी ट्वीट किया था और उनकी मदद मांगी थी।’’ वहीं चंदू के भारत लौटने के बाद उनका चिकित्सकीय परीक्षण किया गया।

दो पाकिस्तानी लड़कों को उरी हमले के बाद पकड़ा गया था। दोनों पर आरोप है कि उरी हमले करने में उन्होंने भूमिका निभाई। इनमें एक का नाम अहसान खुर्शीद और दूसरे का फैसल अवान है। दोनों ही लड़कों की उम्र 15-16 साल के बीच है।

खुर्शीद पीओके के खलीना कलां में रहता है और फैसल पुत्था जानगीर का रहने वाला है। दोनों को आर्मी और बीएसफ ने मिलकर 21 सितंबर को पकड़ा था। अब फैसल अवान के भाई गुलाम मुस्तफा ने अपने भाई को छोड़ने की गुजारिश करते हुए कहा, ‘फैसल मेरा भाई तो स्कूल जाने वाला छोटा बच्चा है, वह दो देशों की राजनीति के बीच फंस गया है। वह बेकसूर है। लेकिन कोई हमारी मदद नहीं कर रहा। मैं समझता हूं कि पीएम मोदी मेरी पुकार सुनेंगे।’

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com