भारतीय जवानों पर हुए दर्दनाक हमले को देखते चीनियों पर गोली चलाने के आदेश क्यों नहीं दिए गए: CM कैप्टन अमरिंदर सिंह

गलवां घाटी में चीनियों ने जिस क्रूरता से 20 भारतीय फौजियों का कत्ल किया, उसे दर्दनाक और वहशी करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस हिंसक झड़प में कीमती जानें जाने के लिए जिम्मेदारी तय करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सारी कौम अपने नागरिकों पर हुए इस घृणित हमले के लिए केंद्र सरकार से जवाब की उम्मीद कर रही है।

भावुक होते हुए कैप्टन ने कहा कि सरहद पर हमारे सैनिकों को साफ तौर पर कहा जाए कि यदि वह हमारा एक मारते हैं तो आप उनके तीन मारो।

वह बतौर राजनीतिज्ञ यह सब नहीं कह रहे बल्कि उस व्यक्ति के तौर पर कह रहे हैं, जो फौज का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों पर हुए दर्दनाक हमले को देखते चीनियों पर गोली चलाने के आदेश क्यों नहीं दिए गए।

कोई वहां अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहा है और हमें यह ढूंढने की जरूरत है कि वह कौन था? कैप्टन ने कहा कि यदि यूनिट के पास हथियार थे, जैसे अब दावा किया जा रहा है, सेकंड-इन-कमांड को उसी पल फायरिंग के आदेश देने चाहिए थे, जब कमांडिंग अफसर चीनियों की धोखेबाजी का शिकार हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र जानना चाहता है कि क्यों हमारे जवानों की तरफ से जवाबी हमला नहीं किया गया, जिसके लिए उन्हें प्रशिक्षण मिला है। यदि उनके पास हथियार थे तो क्यों गोली नहीं चलाई गई? उन्होंने पूछा कि वह वहां बैठे क्या कर रहे थे, जब उनके साथियों को मारा जा रहा था।

मैं जानना चाहता हूं, हर फौजी जानना चाहता है और हर भारतीय जानना चाहता है कि क्या घटा। यह हर भारतीय का अपमान है।
चीनियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता

कैप्टन ने कहा कि चीन को यह कठोर संदेश जाना चाहिए कि भारत उनके धोखे को और बर्दाश्त नहीं करेगा। कैप्टन ने ‘हिंदी-चीनी भाई भाई’ के नारे को खत्म करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘यदि चीन विश्व शक्ति है तो फिर हम भी हैं।’ उन्होंने कहा कि 60 साल की कूटनीति काम नहीं कर सकी और अब उनको यह बताने का समय आ गया है कि अब बहुत हो गया।

उन्होंने टिप्पणी की कि चीनी लोगों पर भरोसा नहीं किया जा सकता और कहा कि 1962 से कई भारतीय क्षेत्र उनके कब्जे में हैं और वह स्पष्ट तौर पर अब और हिस्से पर कब्जा करने की कशिश कर रहा है।

कैप्टन ने कहा कि भारतीय फौज हथियारों, पत्थरों या कीलें जड़ीं राडों और लाठियों का मुकाबला करने में समर्थ है। अगर भारत सरकार चीनियों के साथ हाथापाई या लाठियों वाली लड़ाई लड़ना चाहती है तो उसे आरएसएस काडर को लड़ाई के मैदान में भेजना चाहिए।

हमारे जवानों को हथियारों की जरूरत है। उन्हें स्पष्ट आदेश होने चाहिए कि वे अपने आप को बचाएं और किसी भी कीमत पर देश की रक्षा करने के लिए इन हथियारों का प्रयोग करने के लिए तैयार रहें।

 

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