उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के दूर-दराज के गांव सिरवाड़ी में रविवार देर रात बादल फटने से गांव में तबाही मच गई. कई लोगों के घरों में मलबा घुस गया तो मलबे से खेत-खलिहान और पैदल रास्ते पूरी तरह चौपट हो गए हैं. घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. बादल फटने की घटना से गांव में खौफ का माहौल बना हुआ है.

सिरवाड़ी बांगर में रविवार देर रात बादल फटने की घटना से गांव में तबाही का मंजर देखने को मिला है. लोगों के घरों पर भारी मलबा और बोल्डर गिरे हुए हैं. गांव के खेत-खलिहानों और रास्तों पर भी मलबा भर गया है. गांव के लोग रात को ही अपने घर खाली कर चुके हैं. मलबे के कारण कई ग्रामीणों के घर और गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.
गांव को जोड़ने वाले पैदल रास्तों का कहीं कुछ पता नहीं है. खेतों और रास्तों पर मलबा और बोल्डर ही बोल्डर पड़े हुए हैं. बादल फटने की घटना के बाद से गांव के लोग डर के साये में हैं. साल 1986 में भी इस गांव में बादल फट चुका है. 1996 में कई लोगों की जान भी गई थी. यह गांव विस्थापन की सूची में है, लेकिन आज तक ग्रामीणों का विस्थापन नहीं हो पाया है.
दूसरी ओर, गांव को जोड़ने वाला गोरपा-सिरवाड़ी मोटरमार्ग भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है. इसकी वजह से इस इलाके की हजारों की आबादी घरों में ही कैद हो गई है. सिरवाड़ी गांव से कुछ आगे मोटरमार्ग पर स्थित पुलिया भी बारिश की भेंट चढ़ गई है. यहां पर सड़क का कुछ अता-पता नहीं है. पुलिया के स्थान पर सड़क पर मलबा बह रहा है और सड़क पर बड़े-बड़े बोल्डर गिरे हुए हैं.
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