बिहार से लेकर असम तक भारी बारिश और बाढ़ के कारण हाहाकार मचा है. नदियां उफान पर हैं और सैकड़ों गांव व शहर जलमग्न हो चुके हैं. लोगों को बाढ़ की तबाही से बचाने के लिए NDRF की टीम तैनात की गई है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे हुए लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया जा रहा है. लाखों लोगों को बाढ़ के कारण अपना घर छोड़ना पड़ा है. इधर, बिहार प्रशासन का कहना है कि हालात नियंत्रण में हैं.
NDRF ने बिहार और असम में राहत बचाव कार्य के लिए 98 टीमें लगाई हैं. NDRF के मुताबिक दोनों राज्यों में बाढ़ से हालात बेहद खराब हैं. नेपाल और चीन से आने वाली नदियां भारत में तबाही मचा रही हैं.
बिहार के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश और नेपाल से आ रही नदियों में उफान की वजह से हाहाकार मचा हुआ है.
नेपाल के तराई वाले इलाकों में भारी बारिश से फारबिसगंज, जोकीहाट, सिकटी और पलासी के भी निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है. मधेपुरा में कोसी नदी का पानी आसपास के इलाकों में घुस गया है. ग्रामीण बाढ़ के बीच से किसी तरह खुद को बचाने में लगे हुए हैं.
कटिहार में कोसी नदी ने एनएच-31 पर अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. नदी के तेज बहाव की वजह से हाईवे के किनारे कटाव हो रहा है और लोग दहशत में हैं. लाखों लोग बाढ़ की तबाही झेल रहे हैं.
बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी के किनारे बसे 3 दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं. दर्जनों घर जलमग्न हैं. आने-जाने के लिए अब नाव का ही सहारा बचा है.
गोपालगंज में सतर घाटल पुल का एक हिस्सा ही ढह गया. एक महीने पहले, 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु का उद्घाटन किया था. इसे बनाने में 264 करोड़ की लागत आई थी. पुल को बनने में 8 साल लगे और ढहने में सिर्फ एक महीना.
सीतामढ़ी जिले में सैकड़ों एकड़ की गन्ना और मकई की फसल बाढ़ में बर्बाद हो गई है. यहां दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस आया है. लोगों ने जान बचाने के लिए ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण ली है.
गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी में पानी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रहा है. असम के बरपेटा जिले में बाढ़ का कहर 468 गावों पर टूटा है. यहां लोगों को 46 रिलीफ कैंप में रखा गया है.
नेपाल के तराई वाले इलाकों में हो रही बारिश की वजह से अररिया से बहने वाली सभी नदियां उफान पर हैं. बाढ़ की वजह से मदनेश्वर धाम शिव मंदिर परिसर जलमग्न हो गया है. आसपास के गांवों में नदी का पानी भर गया है. बाढ़ से लगातार हालात बदतर होते जा रहे हैं.
मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के जलस्तर में एक फीट की कमी आई है लेकिन बाढ़ का कहर जारी है. करीब 500 परिवारों ने बागमती बांध पर मवेशियों के साथ शरण ली है.
पावर स्टेशन में बाढ़ का पानी भरने से नदी के आसपास के इलाकों में बिजली बंद हो गई है. लोगों को बाहर निकालने के लिये प्रशासन ने नाव का इंतजाम किया है.
असम में बाढ़ की वजह से हालात बेहद खराब हैं. बाढ़ के पानी में डूबकर मरने वालों की संख्या 66 हो गई है. राज्य के 26 जिले पानी में डूबे हुए हैं और करीब 36 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
बुधवार को बरपेटा और तर्रांग जिले में 15 मवेशी बाढ़ के पानी में बह गए. बरपेटा जिले के करीब 450 गांव बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं.
असम के बक्सा जिले में नदी के तेज बहाव में फंसा एक शख्स काफी देर तक जद्दोज़हद करने के बाद बह गया.
हादसा भारत-भूटान सीमा पर हुआ. वहीं काजीरंगा नेशनल पार्क में बाढ़ की वजह से 66 जंगली जानवरों की मौत हो गई. हालांकि 170 जानवरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.