महाराष्ट्र के भंडारा जिले के सरकारी अस्पताल में लगी आग के कारण 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई. इस दर्दनाक घटना के बाद लोगों में आक्रोश है. आग से मरने वाले मासूमों के माता-पिता का मन मानने को तैयार ही नहीं कि उनके कलेजे के टुकड़े अब इस दुनिया में नहीं हैं. इन सभी माता-पिताओं ने अस्पताल के कर्मचारियों को लापरवाही के लिए दोषी ठहराया है. साथ ही कहा कि उन्होंने अपना कर्तव्य सही से नहीं निभाया है.

इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जांच के आदेश दिए हैं. मामले के बारे में बात करते हुए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ प्रमोद खंडाते ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा था कि बच्चों के वार्ड में 17 नवजात को रखा गया था.
शनिवार देर रात एक नर्स को वार्ड से धुआं निकलता हुआ दिखा. जिसके बाद हादसे के बारे में पता चला. लोग दौड़कर वार्ड में पहुंचे. लेकिन तब तक 10 नवजात बच्चे दम तोड़ चुके थे. इस वार्ड में उन बच्चों को रखा गया था जिनका वजन कम होता है और हालत बेहद नाजुक होती है. उनका वजन भी बेहद कम होता है.
बता दें कि धुआं निकलते देख सबसे पहले नर्स ने वार्ड का दरवाजा खोला और बाकी लोगों को इसकी जानकारी दी. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने सात बच्चों को बचा लिया. वहीं, बाकी के 10 बच्चों की धुएं के कारण मौत हो चुकी थी. बच्चों की मौत के बाद से ही उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल के बाहर लोगों का जमावड़ा लग गया था.
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