यूपी में मकान या ग्रुप हाउसिंग के लिए दाखिल नक्शे 30 दिन में पास होंगे। आवेदक के समय सीमा बढ़ाने की गुजारिश पर ही समय सीमा बढ़ाई जा सकती है। 30 दिन में विकास प्राधिकरण नक्शा पास नहीं करते हैं तो उसे स्वत: पास माना जाएगा।
अभी तक यह अवधि 90 दिन थी। प्रदेश सरकार ने ‘भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008’ (बिल्डिंग बायलॉज) केकई प्रावधानों में संशोधन किया है।
अमृत योजना के तहत शहरी सुविधाओं में सुधार के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल ही ‘मॉडल बिल्डिंग बायलॉज’जारी किया था। इसी तरह ‘कारोबारी सुगमता’ के तहत सुधारों के मद्देनजर आवास विभाग ने उपविधि-2008 में संशोधन किया है। इसके तहत सभी तरह के ऐसे भवनों में ‘वेस्ट वाटर रिसाइक्लिंग सिस्टम’ लगाना अनिवार्य किया गया है, जहां प्रतिदिन 10 हजार लीटर पानी डिस्चार्ज होता हो।
विशेष सचिव आवास अमिताभ प्रकाश ने आवास आयुक्त समेत सभी विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों को इस बाबत दिशा निर्देश भेजे हैं।
-नक्शा दाखिल होने के 48 घंटे के भीतर मौका मुआयना करना अनिवार्य
– पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन मिलने के 7 दिन में पूरी करनी होगी जांच
-एक दिन में जारी करना होगा भवन निर्माण के पूर्णता का प्रमाणपत्र
– मानचित्र के मुताबिक निर्माण न होने पर 8 दिन में संशोधन नोटिस जारी करना होगा। इस अवधि में नोटिस जारी न करने पर स्वत: स्वीकृत हो जाएगा पूर्णता प्रमाण पत्र।
-500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों के बाहर दो डस्टबिन लगाना जरूरी
-5000 से 1.50 लाख वर्ग मीटर के भूखंडों में पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित शर्तों का पालन अनिवार्य।