21और 22 फरवरी को लखनऊ में होने वाले इन्वेस्टर्स समिट को लेकर योगी सरकार कितनी उत्साहित है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस समिट में पीएम मोदी भी शिरकत करने वाले हैं और इसके लिए प्रधानमंत्री ने मंगलवार को ही अपनी सहमति जता दी है. अब माना जा रहा है कि योगी सरकार अपने इस इन्वेस्टर समिट को देश और दुनिया में बड़े तरीके से शोकेस कर पाएगी.
मुंबई में रोड शो करने के तुरंत बाद योगी सरकार का पूरा फोकस इन्वेस्टर्स समिट कार्यक्रम को सफल बनाने पर टिक गया है. बता दें कि समिट शुरू होने से पहले ही सरकार को इन्वेस्टर्स समिट के लिए करोड़ों रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिल गए हैं.
इससे पहले मुम्बई में हुए रोड शो में भी सरकार को 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला है. इस रोड शो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे. उन्होंने मुकेश अंबानी और रतन टाटा समेत कई बड़े उद्योगपतियों और बैंकर्स से मुलाकात की थी. योगी आदित्यनाथ ने रतन टाटा, मुकेश अंबानी के साथ-साथ अडानी महिंद्रा और गोदरेज समूह के सभी बड़े उद्योगपतियों से मुलाकात की है. वहीं, 9 जनवरी को कुमार मंगलम बिड़ला योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने लखनऊ आ रहे हैं.
समिट के लिए हो रही खास तैयारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हरी झंडी मिलने के बाद अब इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां जोरों पर हैं. 21-22 फरवरी को होने वाली इस समिट के लिए लखनऊ को खासतौर से तैयार किया जा रहा है.
करोड़ों के निवेश का रखा है लक्ष्य
सरकार ने इस समिट में एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू साइन करने का लक्ष्य रखा है. इसमें देश के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ-साथ दुनिया भर से उद्योगपतियों को इन्वेस्टर समिट में आने का न्योता दिया गया है. योगी सरकार समिट के पहले ही निवेश का लक्ष्य पूरा कर लेना चाहती है, ताकि प्रधानमंत्री के सामने एक बड़ा लक्ष्य दिखाया जा सके.