एनआईए ने सचिन वाजे पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसपर यूएपीए अधिनियम लगा दिया है। यूएपीए के तहत देश और देश के बाहर गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए बेहद सख्त प्रावधान किए गए हैं।
1967 के इस कानून में सरकार ने कुछ संशोधन करके इसे और कड़ा बना दिया है। यह कानून पूरे देश में लागू होता है। यह कानून राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को अधिकार देता है कि वो किसी तरह की आतंकी गतिविधि में शामिल संदिग्ध को आतंकवादी घोषित कर सके।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद भी महाराष्ट्र एटीएस मनसुख हिरेन हत्या मामले को एनआईए को नहीं सौंप रही थी। उल्लेखनीय है कि एंटीलिया के बाहर संदिग्ध तौर पर पार्क की गई स्कॉर्पियो कार में जिलेटिन की 20 छड़ें रखी थीं। इस कार के मालिक व्यापारी मनसुख हिरेन थे, जिनका कुछ दिनों बाद शव मिला था।
वहीं मनसुख हिरेन मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने सचिन वाजे से संबंधित एक और कार दमन से बरामद की थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ये कार सचिन वाजे के पार्टनर की थी और इस कार के मालिक और सचिन वाजे के बीच कनेक्शन की जांच की जा रही है। फिलहाल इस कार फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।