बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छह सितंबर को चुनावी बिगुल फूंकने जा रहे हैं। सीएम नीतीश वर्चुअल रैली के माध्यम से राज्य की जनता को संबोधित करेंगे और अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों की रिपोर्ट जनता के आगे रखेंगे।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस की वजह से रैलियों का आयोजन नहीं हो रहा है, क्योंकि भारी भीड़ जुटने से वायरस के प्रसार में गति आ सकती है। इस कारण सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही हैं।
सभी पार्टियों ने डिजिटल माध्यम तथा सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए अपने कार्यकर्ताओं, समर्थकों की गोलबंदी की मुहिम आरंभ कर दी है। वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आयोजित होने वाली नीतीश की यह पहली वर्चुअल रैली होगी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश सात अगस्त को वर्चुअल रैली करने वाले थे, लेकिन उस दौरान इसे स्थगित कर दिया गया था। इस रैली को सफल बनाने और जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कार्यकर्ता पिछले एक महीने से जुटे हुए थे, लेकिन राज्य में कोरोना से बिगड़ते हालात को देखते हुए इसे रद्द करने का फैसला किया गया।
वहीं, बिहार में आने वाले विधानसभा चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अकेले चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इन बातों को सिरे से नकार दिया।
हाल के दिनों में लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में खींचतान बढ़ गई थी। यहां तक कि लोजपा और जेडीयू के कई नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। लेकिन भाजपा अध्यक्ष ने फिलहाल इस पर विराम लगा दिया।
साथ ही भाजपा अध्यक्ष ने इस बात को साफ कर दिया है कि इस साल होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव सीएम नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। नड्डा ने चुनावों के मद्देनजर एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा, हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
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