बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष के विरोध के बीच योगी सरकार एक्शन में आ गई है. सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अहम बैठक करने वाले हैं. लोकभवन में होने वाली इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के अधिकारियों से रिक्त पदों का विवरण मांगा है. साथ ही सभी भर्ती आयोगों और बोर्ड की बैठक करने का निर्णय लिया गया है.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक हुई 3 लाख भर्तियों की तरह ही पारदर्शी तरीके से अगले तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया शुरू करें और छह महीने में नियुक्ति पत्र बांटे. सीएम योगी ने कहा कि जिस प्रकार यूपी लोकसेवा आयोग में पारदर्शी व निष्पक्ष भर्तियां हुईं, उसी प्रकार तेजी से भर्तियां की जाएं.
योगी सरकार का कहना है कि अब तक प्रदेश में 3 लाख भर्तियां की जा चुकी हैं. सबसे बड़ी सरकारी भर्ती एक लाख 37 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती थी. इसके बाद 50 हजार से अधिक टीचरों की भर्ती की गई. इसके अलावा अन्य विभागों में एक लाख से अधिक सरकारी भर्तियां की जा चुकी हैं.
इससे पहले योगी सरकार ने ग्रामीण बेरोजगारों के लिए बड़ा फैसला किया. योगी आदित्यनाथ सरकार ने बेरोजगार हुए ग्राम रोजगार सेवकों का पंचायतों में समायोजन करने का निर्णय लिया है. इस बारे में ग्राम्य विकास विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है. ये सभी ग्राम रोजगार सेवक शहरीकरण से बेरोजगार हुए थे.
दरअसल, उत्त्तर प्रदेश में नगर निगम और नगर निकाय में विलय कर दिए जाने से लगभग 700 ग्राम पंचायतों के ग्राम रोजगार सेवक बेरोजगार हो गए थे, जिनके बाद उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया था. अब नई योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने बेरोजगार हुए ग्राम रोजगार सेवकों को पुनः उनके पद पर रिक्त पंचायतों में समायोजित करने का फैसला लिया है.
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