बड़ी खबर: वाइफ स्वैपिंग में आया योगी के इस बड़े मंत्री का नाम

New Delhi :राजधानी में बेखौफ बदमाशों ने बीते 6 मई की देर रात सरेआम लिकर किंग संजय केडिया की दूसरी वाइफ मोनिका पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। उसे 6 गोलियां लगी थीं। अब उसने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही और एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार पर संजय केडिया से मिले होने के आरोप लगाए हैं।

बड़ी खबर: वाइफ स्वैपिंग में आया योगी के इस बड़े मंत्री का नाममोनिका ने आरोप लगाते हुए कहा- अब तक पांच विवेचक बदल चुके हैं, लेकिन चार्जशीट नहीं दाखिल हो पाई। फरार शूटर को पकड़ने के लिए राजधानी पुलिस अब कुछ नहीं कर रही हैं। केस के पैरोकार आरोपियों से मिले हैं और उनका साथ दे रहे हैं। वो कहती हैं- ”मुझे छह गोलियां लगी हैं, मैं बोल नहीं पा रही हूं और मेरा इलाज चल रहा है। 5 दिन पहले हॉस्पिटल से लौटते समय मेरे पीछे बाइक सवार दो बदमाश थे, जो मुझे इशारा कर रहे थे।”

मोनिका का आरोप है कि मेरे और परिवार को जान का खतरा है, लेकिन पुलिस सुन नहीं रही है। जब संजय केडिया के शूटर ने गोली मारी थी तो इसके बाद सुरक्षा के लिए एसएसपी से गुहार लगाई।

वाइफ स्वैपिंग के लिए डालता था प्रेशर  : 

मोनिका की फैमिली ने संजय केडिया के बारे में कई खुलासे किए थे। बहन मनीषा ने बताया था कि संजय मोनिका को अपने दोस्तों की फैमिली के साथ ट्रिप पर ले जाया करता था। वहां शराब पीने के बाद उस पर वाइफ स्वैपिंग (पत्नियों की अदला-बदली) का प्रेशर डालता था। उसके मना करने पर उसे मारता-पीटता था। हालांकि, शराब का नशा उतरते ही माफी भी मांग लेता था। ये बातें मोनिका ने फैमिली से कभी शेयर नहीं की। लेकिन जब दोनों में अलगाव बढ़ा, तो उसने ये बातें अपने घर वालों को बताई।

10 हजार में करता था सेल्समैन की नौकरी, चलता था स्कूटर से : 

शराब के व्यवसाय से जुड़े एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर संजय केडिया के बारे में खुलासा किया। उसने बताया कि वो 2001 में जब यूपी में लिकर किंग पोंटी चड्ढा का बिजनेस नहीं था, तब उसकी कंपनी के लिए गोरखपुर और देवरिया में सेल्समैन का काम किया करता था। संजय को उस समय कमीशन से ही 10 हजार रुपए महीना मिला करता था। वो स्कूटर से शराब की दुकानों पर जाकर ऑर्डर लिया करता था। यही नहीं, पोंटी चड्ढा की फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए भी वो कस्बे, गांव-देहात में फिल्मों की रील भी पहुंचाता था। तब उसका गोरखपुर में जुबली टॉकीज के पास ऑफिस हुआ करता था।

मकान-जमीन सब था गिरवी : 

व्यवसायी ने बताया कि संजय की हालत इतनी खराब थी कि 2005 तक उसका मकान और जो थोड़ी-बहुत जमीन देवरिया में थी, वो सब बैंक में गिरवी थी। कई बार RC भी कटी, लेकिन जोड़-तोड़ में माहिर संजय जेल जाने से बचता रहा। 2007 तक उसके ऊपर काफी उधार हो चुका था। उसने किसी से 5 हजार, किसी से 10 हजार तो किसी से 3-3 हजार भी ले रखे थे।

2008 से बदली किस्मत

संजय केडिया की किस्मत 2008 से बदली, जब मायावती सरकार में पोंटी चड्ढा को यूपी में शराब का होलसेल का ठेका मिला और खनन का पट्टा मिला। लंबे समय से वो चड्ढा की कंपनी से जुड़ा था, जिसका उसे फायदा मिला। उसे गोरखपुर हेड बना दिया गया। यहीं से उसकी किस्मत पलट गई। अभी तक जो शराब की दुकान 3 से 4 पर्सेंट कमीशन देकर मिल जाया करती थी। उसने 8 से 10 फीसदी कमीशन लेना शुरू कर दिया। वह कमीशन का कुछ हिस्सा खुद रख लेता। यहीं नहीं, उसने 25 से 30 जिलों में अपने जानने वालों को शराब के ठेके दिलवाए और उनसे मोटा कमीशन लिया। यही काम उसने खनन में भी किया। 

इसके बाद देवरिया से लेकर गोरखपुर और लखनऊ में अपना घर बनवाया। मायावती गवर्नमेंट के बाद संजय केडिया ने रिश्तेदारों के नाम पर भी कई मॉडल शॉप खोली। इनमें लखनऊ, गोरखपुर और संतकबीरनगर का नाम सामने आया है। आज केडिया की कंपनियों का 100 से 200 करोड़ का सालाना टर्नओवर है।

 

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