उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने अपने आपको राजनैतिक नर्तक बताया है. हरीश रावत ने मंगलवार को अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि मैं एक राजनैतिक नर्तक हूं.

सत्यता यह है कि जितने चुनाव जीता हूं, अब उससे एकाध ज्यादा हार गया हूं, यदि इसमें मेरी नेतृत्व में हुई हार को जोड़ लिया जाय, तो हार की संख्या एकाध ज्यादा निकलेगी.
आगे हरीश रावत ने लिखा, ‘घुंगरू के कुछ दाने टूट गये, तो इससे नर्तक के पांव थिरकना नहीं छोड़ते हैं. सामाजिक और राजनैतिक धुन कहीं भी बजेगी, कहीं भी संगीत के स्वर उभरेंगे, तो हरीश रावत के पांव थिरकेंगे.
समझ नहीं पा रहा हूं कि, किस मंदिर में जाऊं और कौन सा नृत्य करूं.’ उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, ‘मेरे खबरची भाई, मेरे उत्तराखंड के भाई-बहन, अपने-पराये, सबको मेरा नृत्य अच्छा लगे, खैर कोरोनाकाल में मैं नृत्य की उस थिरकन को खोज कर रहा हूं.’
हरीश रावत के इस फेसबुक पोस्ट के कई मायने निकाले जा रहे हैं और खासतौर पर राजस्थान के सियासी संकट से इसे जोड़ा जा रहा है.
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