सरकार बनते ही योगी आदित्यनाथ का अपर्णा यादव और प्रतीक यादव के साथ कान्हा उपवन गौशाला में साथ-साथ जाना, गायों को चारा खिलाने की तस्वीरें शायद ही कोई भूला हो लेकिन कम ही लोगों को यह मालूम है कि गो-सेवा की यह भावना महज दिखावे तक सिमट कर रह गई है. पिछले 6 महीने में योगी सरकार ने अपर्णा यादव की इस संस्था से अपने हाथ खींच लिए और आज जब इसे चलाने वाली संस्था जीवाश्रय समिति पर बकाया करोड़ों में पहुंच चुका है तो अब गायों की जान पर बन आई है. हर दिन 4 से 5 गायों की मौत हो रही है. हालांकि कुछ गायों की मौत तो बीमारी और दुर्घटना की वजह से हो रही है लेकिन दो से तीन गाय हर रोज खाने की कमी की किल्लत और भूख से मर रही है. नगर निगम की गौशाला में पिछले छह महीने में लगभग एक हजार गौ वंशों ने भूख से तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया और सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंगी.
इस गौशाला को देख रही संस्था ने अब अपने हाथ खड़े कर दिए हैं और सरकार से कहा है कि वे इस गौशाला को नहीं चला सकते. नगर निगम ने भी संस्था की मदद करने से इनकार कर दिया है. बता दें कि नगर निगम द्वारा कान्हा उपवन नाम से एक गौशाला विकसित की गई थी. करीब पांच साल पहले जीवाश्रय समिति को इस गौशाला के चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी. जिसे ये संस्था चलाती थी लेकिन सरकार गायों के खाने के पैसे देती थी, सरकार 50 रुपया प्रतिदिन प्रति गाय देती थी लेकिन योगी सरकार ने ये अनुदान ये कहकर रोक दी कि अकेले गौ आयोग का 85 फीसदी पैसा इस NGO का जाता है ऐसे में पहले पुराने अनुदान का हिसाब दें फिर गायों के लिए पैसा दिया जाएगा.
57 एकड़ में बने इस गौशाला में इस समय करीब 2800 गायें हैं. हर रोज यहां करीब 40 आवारा गायें पूरे शहर से पकड़ कर लाई जाती हैं. लेकिन हालत यह है कि इन गायों के खाने और चारे की कोई व्यवस्था इस गौशाला में नहीं हो पा रही क्योंकि चारा सप्लाई करने वाले वेंडरों ने करोड़ो के बकाए के बाद अब चारा सप्लाई से मना कर दिया है. यही वजह है कि गायों की मौत भूख से हो रही है.
इस गौशाला का काम देख रही संस्था के सचिव एके त्रिवेदी ने बताया कि अप्रैल से उनकी संस्था को सरकार ने गायों की देखरेख के लिए एक पैसा नहीं दिया है, जिसके कारण गायों के खाने का उचित प्रबन्ध नहीं हो पा रहा है. उन्होंने माना कि भूख के कारण यहां गायों की मौतें हो रही है.
जीवाश्रय संस्था के सदस्य जयकेश त्रिपाठी ने बताया कि राज्य गौसेवा आयोग से गौशाला के लिए 50 रुपए प्रति गाय के हिसाब से पैसा आना था, लेकिन अप्रैल से पैसा न मिलने के कारण गौवंश की रक्षा का काम नहीं हो पाया, यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में गौवंश की मौत केवल एक गौशाला में हो रही है.
उधर मुलायम सिंह यादव के बेटे प्रतीक यादव और बहू अपर्णा यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद दोनों ने मीडिया को मुलाकात के बारे में कुछ नहीं बताया. मगर सूत्रों के अनुसार ये मुलाकात अपर्णा यादव की संस्था द्वारा संचालित गौशाला कान्हा उपवन को लेकर ही हुई. और योगी आदित्यनाथ ने उन्हें आश्वस्त किया है कि जल्द ही इसका हल निकाला जाएगा.