भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने के संभावित दावेदारों में शामिल हैं. वॉल स्ट्रीट जनरल के एक समाचार के अनुसार क्लेरीवेट एनालिटिक्स द्वारा तैयार संभावित छह उम्मीदवारों की सूची में राजन का नाम भी है. हालांकि, इस सूची में नाम आने का मतलब यह नहीं है कि राजन पुरस्कार पाने वालों में सबसे आगे हैं, बल्कि वह इसे जीतने वाले संभावित दावेदारों में से एक हैं.
क्लेरीवेट एनालिटिक्स नोबेल पुरस्कार के दर्जन भर संभावित विजेताओं की सूची अनुसंधान कार्य के आधार पर तैयार करती है. इस फर्म के अनुसार राजन कॉरपोरेट फाइनेंस में फैसलों के आयामों को रोशन करने में अपने योगदान के लिए पुरस्कार के एक दावेदार माने जा रहे हैं.
रघुराम राजन तीन साल तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे. राजन इस समय शिकागो विश्वविद्यालय में बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं. अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा सोमवार को की जाएगी.
आरबीआई के गवर्नर के तौर पर राजन का तीन साल का कार्यकाल 4 सितंबर 2016 को पूरा हो गया. सरकार ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की जिसके तहत 500 व 1000 रुपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया. राजन के बाद उर्जित पटेल को नया आरबीआई गवर्नर बनाया गया है.
सबसे पहले राजन तब चर्चा में आए जब वह 40 साल की उम्र में IMF में सबसे युवा प्रमुख अर्थशास्त्री बनाए गए थे. 2005 में ही उन्होंने अमेरिका में आने वाली आर्थिक मंदी का अनुमान लगा लिया था. साल 2013 में यूपीए सरकार में उन्हें आरबीआई गवर्नर बनाया गया था, राजन RBI में अपना कार्यकाल बढ़वाना चाहते थे लेकिन एनडीए सरकार की ओर से उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया गया.
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