बड़ी खबर: दिसंबर में सस्ती हो सकती है आपके लोन की EMI, RBI घटा सकता है रेपो रेट

बड़ी खबर: दिसंबर में सस्ती हो सकती है आपके लोन की EMI, RBI घटा सकता है रेपो रेट

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) ने एक रिसर्च नोट में कहा कि हम आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति से छह दिसंबर को नीतिगत दर में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।  बड़ी खबर: दिसंबर में सस्ती हो सकती है आपके लोन की EMI, RBI घटा सकता है रेपो रेट

मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति को सातवें वेतन आयोग के बाद मकान किराया भत्ते (एचआरए) के लिए समायोजित किया गया था, जो अब नीचे आ रहा है और एचआरए का प्रभाव काफी हद तक सांख्यिकीय दृष्टि से ही रह गया है।  

अक्तूबर में यथावत रहेगा सीपीआई मुद्रास्फीति का आंकड़ा
बोफाएमएल ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अक्तूबर में सीपीआई मुद्रास्फीति दर सितंबर की तरह ही 3.3 फीसदी पर ही रहेगी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि विकास दर के आंकड़े के कम होने की वजह से नीतिगत दर में कटौती संभव है।  

दिसंबर माह में नीतिगत दर में कटौती व्यस्त सीजन से पहले बैंकों के लिए कर्ज की दरों में कटौती का संकेत होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, छह दिसंबर को नीतिगत दर में कटौती मार्च तिमाही में काफी तेज होने वाले व्यस्त औद्योगिक सीजन से पहले बैंकों के लिए कर्ज की दर में कटौती का संकेत देगा, खासकर तब जब सरकार बैंकों द्वारा कर्ज बढ़ाने के लिए सार्वजनिक बैंकों में पूंजी डालने वाली है।

इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका को लेकर नीतिगत दर को यथावत रखा और मौजूदा वित्त वर्ष के लिए विकास दर अनुमान को घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया। 

रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष की बाकी अवधि के लिए मुद्रास्फीति दर अनुमान को बढ़ाकर 4.2-4.6 फीसदी पर रखा, जबकि पहले इसे 4-4.5 फीसदी पर रखा गया था। 

6 फीसदी होगी जीडीपी 

व्यापार, परिवहन और संचार जैसे विभिन्न आर्थिक संकेतकों में सुधार को देखते हुए देश की आर्थिक विकास दर मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में बढ़कर छह फीसदी रह सकती है। यह बात एक रिपोर्ट में कही गई है।

एसबीआई रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही में विकास दर 5.7 फीसदी रही थी, जो काफी निराशाजनक है, लेकिन हमारा पुख्ता विश्वास है कि दूसरी तिमाही में विकास दर अधिक रह सकती है और यह 6-6.5 फीसदी के दायरे के निचले सिरे पर रहेगी। यह इससे ऊपर भी जा सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) विकास दर पांच फीसदी से ऊपर रह सकती है, क्योंकि खनन और बिजली क्षेत्र की विकास दर बेहतर रह सकती है। इसका कारण यह है कि राज्यों के बिजली बोर्डों ने त्योहार की मांग के चलते बिजली की खरीद की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अधिकतर प्रमुख संकेतकों में हाल के महीने में तेजी रही है। इन संकेतों में शामिल हैं विदेशी पर्यटकों का आगमन, अंतर्राष्ट्रीय यात्री, हवाई माल परिवहन, रेल परिवहन और टेलीफोन ग्राहक।

रिपोर्ट में खास तौर पर यह भी कहा गया है कि उपभोक्ताओं को सेवा देने वाले सेक्टरों में निवेश के अवसर बढ़ रहे हैं, जो आने वाले समय में निवेश चक्र के लिए शुभ है। रिपोर्ट में हालांकि कृषि विकास दर को चिंता का कारण बताया गया है। 

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