टेलीविजन के माध्यम से इस्लामिक कट्टरपंथ का प्रचार करने वाले 51 वर्षीय जाकिर नाईक के खिलाफ एनआईए मनी लांड्रिंग और आतंकी संबंध की भी जांच कर रही है।
पिछले साल जब बांग्लादेश के कुछ आतंकियों ने दावा किया कि वे नाईक के भाषणों से प्रभावित हुए हैं, जिसके बाद से उसके खिलाफ जांच शुरू हुई। इसी बीच वह 1 जुलाई, 2016 को भारत से दुबई में किसी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गया लेकिन वापस नहीं लौटा। इसके बाद एनआईए ने 18 नवंबर, 2017 को अपनी मुंबई शाखा में आईपीसी और गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत नाईक के खिलाफ एक मामला दर्ज किया।
वहीं गृह मंत्रालय ने पहले ही मुंबई में स्थित उसके गैर सरकारी संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है। वहीं खबरें यह भी हैं कि उसने सऊदी अरब की नागरिकता ग्रहण कर ली है हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।