7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू हुए कई महीने बीतने के बाद भी मकान किराया भत्ता समेत अन्य भत्तों पर फैसला नहीं होने से कर्मचारी नाराज हैं।
उनके असंतोष को दूर करने के लिए वित्त मंत्रालय एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। संकेत है कि इसमें सरकार द्वारा बनाई गई एक समिति की अंतिम रिपोर्ट पर चर्चा होगी। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि कमेटी एचआरए और महंगाई भत्ते में इजाफे का प्रस्ताव रख सकती है।
भत्तों को लेकर 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर कर्मचारियों के विरोध पर केंद्र सरकार ने इस कमिटी का गठन किया था। वेतन आयोग ने मकान किराये भत्ते को मूल वेतन के 30% से घटाकर 24% करने की सिफारिश की थी। छठे वेतन आयोग में मकान किराये भत्ते को 30% करने का प्रावधान किया गया था। खबरों के अनुसार, मकान किराये भत्ते लेकर अशोक लवाला के नेतृत्व वाली कमिटी मौजूदा एचआरए स्लैब को मेट्रो शहरों के लिए 30% करने की सिफारिश कर सकती है।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के भत्ते पर समीक्षा कमेटी का गठन जुलाई 2016 में किया था। शुरुआत में कमेटी को अपनी सिफारिश करने के लिए 4 महीने का समय दिया था जिसे बाद में बढ़ाकर 22 फरवरी 2017 कर दिया गया था। सातवें वेतन आयोग ने केन्द्रीय कर्मियों को छठवें वेतन आयोग के बाद से मिल रहे 196 भत्तों में से 52 भत्तों को खत्म करने की सिफारिश की थी और 36 भत्तों को आपस में मर्ज करने के लिए कहा था। वेतन आयोग ने 12 भत्तों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया था।
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