इस संबंध में करीब पांच साल पहले ही फ्रांस में योजना बनाई गई थी। हालांकि इस प्लान को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था। एनआईए सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में यह बात सामने आई है। वहीं, एनआईए द्वारा मंगलवार को पंजाब पुलिस से कस्टडी के बाद रिमांड पर लिया गया जगतार सिंह जोहल भी इस प्लान का हिस्सा था। अदालत ने आरोपी को तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया है।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, गुरमीत राम रहीम आरोपियों के निशाने पर था, लेकिन राम रहीम का कड़ा सुरक्षा घेरा होने के कारण वे इसमें कामयाब नहीं हो पाए थे। इतना ही साल 2012 में आरोपी जगतार सिंह जोहल व पटियाला जेल में बंद खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) का मेंबर हरमिंदर सिंह मिंटू फ्रांस में मिले थे।
जहां पर इस योजना पर चर्चा हुई थी। वहीं, एनआईए सूत्रों के मुताबिक जब मिंटू को गिरफ्तार कर लिया गया, उसके बाद भी डेरा प्रमुख को मारने की योजना पर काम चलता रहा। जोहल यूरोपियन देशों में बैठे हुए केएफएफ के टॉप लीडरों के संपर्क में था।
मिंटू खतरनाक आतंकियों में से एक है। कुछ समय पहले नाभा जेल ब्रेक कांड के बाद भागे आरोपियों में वह भी शामिल था। वह दिल्ली से पकड़ा गया था। वह पुलिस की पकड़ में न आए, इसलिए उसने अपना वेश बदल लिया था। जोहल का विदेशी नेटवर्क तलाशेगी एनआईए
एनआईए के सीनियर प्रोसिक्यूटर सुरिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने जोहल को रिमांड पर ले लिया है। अब वह उसके दूर देशों में स्थित नेटवर्क को तलाशेंगे। साथ ही किन लोगों के वह संपर्क में था। वहीं, जोहल व अन्य आरोपियों के खातों में बाहर से किन लोगों ने पैसा भेजा है। इसकी भी पड़ताल की जाएगी। उन्होंने अदालत से सात दिनों का रिमांड मांगा था। अदालत ने तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। अब आरोपियों को 22 दिसंबर को अदालत में पेश किया जाएगा।