ब्रिटेन में 18 महिला सांसदों का कहना है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगी। इन महिलाओ को यह फैसला दर के कारण लेना पड़ा। ये महिला संसद उन 50 सदस्यों में शामिल हैं, जो 12 दिसंबर को होने वाले चुनाव में खड़े नहीं होंगे। इन महिलाओ ने आरोप लगाया है कि ब्रिटेन में निजी जिंदगी में दखल दिया जा रहा है। इन सब से परेशां होकर उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। न्यूयॉर्क टाइम्स के जरिये जानकारी सोमवार को दी गई।

एक ब्रिटिश सांसद हाइदी एलन ने कहा, ‘जिस प्रकार से मेरे निजी जिंदगी में दखल दिया जा रहा है मैं उससे थक गई हूं। यहां डराना धमकाना आम बात हो गई। एलन यह बात एक पत्र में कही। यह पत्र एलन ने जनता को बताने के लिए लिखा कि आखिर वो चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हैं।’
धमकी और आक्रामक ईमेल मिला- एलन आगे कहा कि किसी भी काम में कोई भी व्यक्ति को इस तरह से धमकी, आक्रामक ईमेल नहीं मिलता होगा कि उसे अपने घर पर पैनिक अलार्म लगाना पड़ जाए। यही नहीं एलन ने आगे कहा कि वो घर से निकलती थीं तो उनपर चिल्लाया जाता था। सोशल मीडिया पर भी उनसे खराब तरह से व्यवहार किया गया।
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पाखंड बातया- फिलहाल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सितंबर में एक संसदीय बहस के चलते हिंसा के खतरों को खारिज कर दिया गया। उन्होंने इसे पाखण्ड बताया था। उनके इस टिप्पणी का अन्य सांसदों द्वारा काफी आलोचना हुई थी।
72 महिला सांसदों ने मेगन मार्कल को लिखा पत्र- यहाँ स्थिति इतनी खराब हो गई कि ने 72 महिला सांसदों कि और से ब्रिटेन में सार्वजनिक जीवन की कठिनाई को लेकर डचेज ऑफ ससेक्स मेगन मार्कल को एक पत्र लिखा गया।
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