कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब एक दिन अचानक टीटू की शादी स्वीटी (नुसरत भरूचा) से तय हो जाती है. स्वीटी का भोला चेहरा और उसकी मासूमियत देखकर सोनू को उस पर शक होता है. वह जितनी सीधी सादी दिखती है उतनी है नहीं. उसका शक तब और भी गहरा हो जाता है जब स्वीटी, सोनू को चैलेंज देते हुए कहती है कि “दोस्ती और लड़की में हमेशा लड़की जीतती है.” और कहती है कि वह किसी भी कीमत पर टीटू को हथिया लेगी. फिर शुरू होता है सोनू और स्वीटी के बीच जंग.