तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर लगी पाबंदी हटने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य में बैलगाड़ी दौड़ को मंजूरी दे दी. गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा में बैलगाड़ी दौड़ को एक बार फिर शुरू करने के लिए एक विधेयक पारित किया. यह विधेयक विपक्षी विधायकों की अनुपस्थिति में पारित किया गया.
पशु क्रूरता रोकथाम (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक के माध्यम से बैलगाड़ी दौड़ को विनियमित किया जाएगा. कानून का उल्लंघन करने वालों पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या 3 साल तक की जेल की सजा दी जा सकती है. बता दें कि महाराष्ट्र में लोकप्रिय बैलगाड़ी दोड़ को 2014 में बैन किया गया था.
इस विधेयक पर चर्चा के दौरान पशुपालन मंत्री महादेव जानकर ने कहा कि परंपरा और संस्कृति को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए केंद्र के पशू क्रूरता रोकथाम अधिनियम में संशोधन किया गया है. उन्होंने कहा कि बैलों के देशी नस्लों को बचाए रखने की भी जरूरत है.
जानकर ने कहा कि केंद्रीय कानून में जरूरी संशोधनों के बिना कानूनी रूप से बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन संभव नहीं था. संशोधन के अनुसार संबंधित जिला कलेक्टर की पूर्वानुमति के बाद बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया जा सकता है. हालांकि, उनको आश्वस्त करना होगा कि इससे पशु को किसी प्रकार का दर्द या परेशानी नहीं होगी.