सरकारी क्षेत्र के बैंक आफ बड़ौदा को जनवरी-मार्च 2017-18 की तिमाही में 3,102 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है. यह घाटा फंसे कर्ज के लगातार बढ़ने से हुआ है.जबकि 2016-17 की समान अवधि में 154.72 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था. 
बता दें कि बैंक द्वारा शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार आलोच्य तिमाही में फंसे कर्ज के लिए उसका प्रावधान बढ़कर 7,052.53 करोड़ रुपए हो गया ,जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,425.07 करोड़ रुपए रहा था.यही नहीं आलोच्य तिमाही में बैंक की कुल आय भी घट गई .यह 12,735.16 करोड़ रुपए रह गई ,जबकि गत वर्ष समान तिमाही में 12,852.44 करोड़ रुपए थी.
उल्लेखनीय है कि इस अवधि में बैंक का सकल एन.पी.ए. या फंसा कर्ज 31 मार्च 2018 को बढ़कर 12.26 प्रतिशत हो गया. दिए गए ऋण की वसूली नहीं होने से यह स्थिति निर्मित हुई.इसीलिए बैंक के निदेशक मंडल ने 017-18 के लिए कोई लाभांश घोषित नहीं किया है. पीएनबी घोटाले के उजागर होने के समय बैंक ऑफ़ बड़ौदा का एनपीए बढ़ने का मामला भी सामने आया था.फंसे कर्ज के लगातार बढ़ने से ही इस बैंक के घाटे में इजाफा हुआ है. हालाँकि सरकार ने सरकारी बैंकों के एनपीए को कम करने के लिए दो लाख करोड़ का कोष बनाया है
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