देश के कई सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने इस साल एमसीएलआर दरों में इजाफा किया है। जिसके बाद खाता धारकों की जेब पर भारी असर पड़ेगा।

देहरादून में एसबीआई के चीफ मैनेजर ए के गुप्ता बैंकों की ओर से एमसीएलआर दरों में किए गए इजाफे से लोन महंगे हो जाते हैं। एमसीएलआर (आधार दर) वह दर होती है जिस पर किसी बैंक से मिलने वाले ब्याज की दर तय होती है।
इससे कम दर पर देश का कोई भी बैंक लोन नहीं दे सकता है, सामान्य भाषा में यह ही होती है। एमसीएलआर बढ़ने से आम आदमी के लिए लोन महंगा हो जाता है और पहले की तुलना में ज्यादा ईएमआई देनी पड़ जाती है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मार्च 2018 में MCLR को बढ़ाकर लोन मंहगा कर दिया है। एसबीआई ने एमसीएलआर को 0.25 फीसद तक बढ़ा दिया है। बैंक के इस फैसले से होम लोन, ऑटो लोन आदि सभी महंगे हो जाएंगे। बैंक की ये नई दरें एक मार्च से लागू हो चुकी हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा में एमसीएलआर दर में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया गया है। ये नया संशोधन 7 अप्रैल से लागू हो चुका है। अब बैंक की एक साल की एमसीएलआर 8.40 फीसद होगी। पहले यह 8.30 फीसद हुआ करती थी।