प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की दोपहर प्रयागराज से सीधे चित्रकूट के भरतकूप स्थित गोड़ा गांव पहुंचे और सबसे पहले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया। इसके बाद मंच पर उनके पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतीक चिह्न भेंट करके स्वागत किया।
इस दौरान पंडाल में भारत माता की जय और जय श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने मंच से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत सभी अतिथियों का स्वागत किया। इसके साथ वह किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी वितरित करेंगे।
हेलीकॉप्टर दोपहर करीब डेढ़ बजे चित्रकूट में उतरा। यहां पर सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चित्रकूट धाम की एतिहासिकता की प्रदर्शनी को देखा और फिर इसके बाद मंच पर पहुंचे। मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतीक चिह्न देकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया। इस दौरान बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की जानकारी स्क्रीन पर एक क्लिप के जरिए दी गई। इससे पहले औद्योगिक विकास मंत्री ने एक्सप्रेस वे और डिफेंस कॉरीडोर के बारे में बताया।
इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बुंदेलखंड की पावन धरती पर प्रधानमंत्री जी का आगमन और उपस्थित से निश्चित ही यहां के विकास के मार्ग को प्रशस्त करने का संकेत देती है। एक समय था बुंदेलखंड का क्षेत्र विकास की बाट जोह रहा था लेकिन आज एक्सप्रेस वे के माध्यम से यहां की अकेले तस्वीर ही नहीं तकदीर भी बदलने का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि एफपीओ किसान की आय बढ़ाने के काम आएगा और पूरे हिंदुस्तान में अपना उत्पाद बेचने के लिए द्वारा खुल जाएंगे। किसानों को केसीसी कार्ड बंटेंगे और एफपीओ मील का पत्थर साबित होगी। कृषि मंत्री के संबोधन के बाद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का एक वर्ष पूरा होने के बाद किसानों की जुबानी फायदा मिलने की क्लिप दिखाई गई। इसके बाद प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर कृषक उत्पादन संगठन एफपीओ का शुभारंभ किया।
इसमें देश के 25 लाख किसानों को मुफ्त किसान क्रेडिट कार्ड वितरण को मूर्तरूप देंगे। मंच पर पीएम मोदी यूपी के साथ ही कर्नाटक, आसोम समेत नौ राज्यों के किसानों को अपने हाथों से किसान क्रेडिट कार्ड सौंपेंगे। चित्रकूट प्रधानमंत्री के स्वागत को मंच तैयार है। हेलीपैड से मंच के बीच कृषि योजनाओं, बुंदेलखंड की पेयजल योजनाओं, चित्रकूट के पौराणिक, ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों की चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई है। साथ मे बुंदेली लोकनृत्य को लेकर विशेष आयोजन को सांस्कृतिक मंच भी सजाया गया है।
बुंदेलखंड के लोगों में पीएम मोदी को सुनने का खासा उत्साह दिखाई पड़ रहा है। झांसी मीरजापुर हाईवे पर पैदल लोगों के जत्थे जनसभा स्थल की ओर बढ़ रहे हैं। जनसभा स्थल को 48 ब्लॉक में बांटकर बैठने की व्यवस्था की गई है।
आजादी के बाद भी वर्षों से विकास की राह तलाश रहे बुंदेलखंड का इंतजार आज खत्म हो जाएगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर में चित्रकूट के भरतकूप के गोंड़ा में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर पीएम सम्मान निधि पाने वाले किसानों को मुफ्त किसान क्रेडिट कार्ड व देश भर के दस हजार कृषि उत्पाद संगठन (एफपीओ) की लॉन्चिंग भी होगी। जिला प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। डेढ़ घंटे में शिलान्यास व जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री डिफेंस कॉरिडोर समेत दूसरी घोषणाएं भी कर सकते हैं। इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, जिले के प्रभारी मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी,लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय समेत कई केंद्र व प्रदेश सरकार के मंत्री शिलान्यास समारोह के गवाह बनेंगे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर प्रदेश आगमन पर प्रदेश की जनता की ओर से स्वागत करता हूं। उनकी यह यात्रा दिव्यांगजनों के सेवार्थ समर्पित है। पीएम मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करेंगे और इस यात्रा से किसान भाइयों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। पिछड़ेपन का दंश झेल रहे बुंदेलखंड क्षेत्र में आज उन्नति का सूर्योदय होगा।
पीएम के इस कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम हैं। उनके कार्यक्रम स्थल पर 126 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ बगैर अनुमति ड्रोन के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है। पुलिस और पीएसी के साथ दस कंपनी पैरा मिलिट्री फोर्स लगाई गई है। मंच और आसपास की जगह की निगहबानी एसपीजी सीधे तौर पर कर रही है। पीएम मोदी इस मौके पर लोगों को संबोधित भी करेंगे।
एफपीओ की भी शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चित्रकूट में देशभर में 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की शुरुआत करेंगे। करीब 86 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनके पास देश में औसतन जोत क्षेत्र 1.1 हेक्टेयर से भी कम है। किसानों की आय दोगुना करने (डीएफआई) की रिपोर्ट में 2022 तक 7,000 एफपीओ के गठन की सिफारिश की गई है। केंद्र सरकार ने अगले 5 साल में किसानों के लिए भारी उत्पादन के कारण लागत में बचत सुनिश्चित करने के लिए 10,000 नए एफपीओ का गठन करने की घोषणा की है।