विपक्षी एकता को धार देने में जुटी नीतीश कुमार पर बीजेपी ने तंज कसा है। विपक्षी एकजुटता को फ्लॉप बताते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि ममता बनर्जी और कांग्रेस ने विपक्षी एकता के जिस गुब्बारे को पिन मार कर पंक्चर किया, उसमें दूसरे नेता हवा भरने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में ममता दीदी ने कांग्रेस के एकमात्र विधायक बायरन विस्वास को टीएमसी में शामिल करा लिया। वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने टीएमसी को बीजेपी की बी टीम करार दिया है। ऐसे में क्या वहां टीएमसी और कांग्रेस में एकता हो सकती है?
चाय पीने से विपक्षी एकता नहीं बनती
बुधवार को जारी बयान में भाजपा सांसद ने कहा कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठने और चाय पीने से विपक्षी एकता नहीं हो जाती। उत्तरप्रदेश विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस और बसपा, दोनों दलों ने अखिलेश यादव की पार्टी का समर्थन करने से इनकार कर दिया। क्या यूपी में भाजपा-विरोधी तीन बड़े दलों में नीतीश कुमार एकता करा पाएंगे? वहीं दिल्ली संबंधी अध्यादेश पर केजरीवाल को समर्थन देने से कांग्रेस ने इनकार कर दिया। कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब प्रदेश इकाई आम आदमी पार्टी के साथ खड़ी होने को राजी नहीं। राहुल गांधी सीएम केजरीवाल को मिलने का समय दिए बैगर ही विदेश चले गए हैं।
12 जून को विपक्षी दलों का महाजुटान
आपको बता दें 12 जून को विपक्षी दलों की पटना में महाबैठक होने वाली है। जिसमें 2 दर्जन सियासी दलों के नेता शामिल होंगे। और लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी। लेकिन अभी तक लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों में सीटों के बंटवारे पर कोई बात नहीं हुई है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि सीटों का बटंवारा विपक्षी दलों के नेता कैसे करेंगे। और क्या सीट बंटवारे पर सभी विपक्षी दलों की राय एक समान बन पाएगी।
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