बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार मोकामा विधानसभा सीट ज्यादा फोकस में है। यहां राजद प्रत्याशी बाहुबली अनंत सिंह के खिलाफ जदयू के राजीव लोचन नारायण सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि अनंत पर 38 आपराधिक मामले चल रहे हैं और वो अभी जेल में हैं।
दिलचस्प बात यह है कि पहले चरण में जितने प्रत्याशी खड़े हैं, उनमें सबसे ज्यादा मामले अनंत सिंह के नाम पर ही है। अनंत सिंह पर हत्या, अपहरण, अवैध हथियार रखने और जबरन वसूली के आरोप हैं। वहीं दूसरी तरफ राजीव लोचन पर कभी अपशब्द बोलने के भी आरोप नहीं लगाए गए हैं।
राजीव लोचन पूर्व भाजपाई किसान नेता हैं और उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मित्र थे। अनंत सिंह 2005 और 2010 को जदयू के टिकट से भी लड़े थे और जीते थे। 2015 में अनंत सिंह पर हत्या का आरोप लगा था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था। 2015 में वो निर्दलीय चुनाव लड़े और जदयू के प्रत्याशी को 18,000 मतों से हराया।
बाहुबली सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने पर जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री ललन सिंह ने कहा मोकामा विधानसभा सीट पर राम बनाम रावण की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि राजद के प्रत्याशी अनंत सिंह रावण के प्रतीक हैं और जदयू के राजीव लोचन राम के प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि जब भी राम रावण का मुकाबला होता है तो यह बताने की जरूरत नहीं पड़ती कि किसकी जीत होती है। ललन सिंह ने कहा कि जब पार्टी को पता चला कि अनंत सिंह रावण हैं, तो उन्हें से बर्खास्त कर दिया गया।