नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनावों में 48 फीसदी उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की है। वहीं, 42 फीसदी उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच घोषित की है। इसी तरह, महिला उम्मीदवारों में दो फीसदी का इजाफा हुआ है। ये तथ्य एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट की तीनों चरणों के उम्मीदवारों के शपथ पत्र के आकलन के आधार पर सामने आए हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, 322 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर घोषित की है। 15 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता असाक्षर और 32 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमाधारक घोषित की है। तीन उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता घोषित नहीं की है। 41 फीसदी उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 साल घोषित की है और 48 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है। 11 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 साल के बीच घोषित की है और दो उम्मीदवारों ने अपनी आयु 80 वर्ष से अधिक घोषित की है।
बढ़ा महिला प्रतिनिधित्व-
बीते चुनावों के मुकाबले इस बार के चुनावों में महिला प्रतिनिधित्व भी बढ़ा है। 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में 3450 में से 273 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जो आठ फीसदी थे। इस बार 371 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जो कुल उम्मीदवारों का 10 फीसदी हैं।
फिर चुनाव लड़ रहे 201 विधायक-
2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में फिर से चुनाव लड़ने वाले विधायकों की संख्या 201 है। जदयू के 66 विधायक, आरजेडी के 49, बीजेपी के 45, कांग्रेस के 21, एलजेपी के 3 और सीपीआई (एमएल) (एल) के 3 पुन: चुनाव लड़ रहे है। पुन: चुनाव लड़ने वाले विधायकों की औसतन संपत्ति में चुनाव 2015 से 2020 के बीच 2.02 करोड़ रुपये यानी 71 फीसदी का इजाफा हुआ है। 2020 में दोबारा चुनाव लड़ने वाले विधायकों की औसत संपत्ति 4.87 करोड़ रुपये है। 2015 में विधायकों की औसतन संपत्ति 2.85 करोड़ रुपये थी।
बिहार विधानसभा चुनावों में कुल 3733 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 3722 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया है। 11 उम्मीदवारों के शपथपत्र स्पष्ट न होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं किया जा सका। इन सभी 3722 उम्मीदवारों में से 349 राष्ट्रीय दलों से, 470 राज्य दलों से, 1607 गैर मान्यता प्राप्त दलों से और 1296 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। एडीआर ने तीन चरणों में होने वाले चुनाव में उतरे उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है।