बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने बिहार सरकार पर अफसरशाही को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को बढ़ावा देते हैैं। जनप्रतिनिधियों को अपमानित करते हैैं और नागरिकों को तो पांव की धूल बराबर भी नहीं समझते। परंतु सरकार एवं मंत्रियों को इससे क्या? उन्हें तो अपने हिस्से से मतलब है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्तारूढ़ दल एवं बेखौफ अफसर मिलकर कमाई करते हैं। नागरिक घूस, सरकारी बेपरवाही एवं भ्रष्टाचार में पिस कर रह जाते हैं। जनता भटकती रहती है। सुनवाई, कार्रवाई का नामोनिशान नहीं होता।
तेजस्वी ने लिखा-बिहार में अफसरशाही चरम पर
तेजस्वी ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं, अफसर नहीं। उन्हें जनता चुनती है, अधिकारी नहीं। अगर अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने का निर्देश ऊपर से मिलेगा तो जनता की कौन सुनेगा? इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और लोकतंत्र नहीं बचेगा। तेजस्वी ने कहा कि लोकतंत्र का मतलब ही है सत्ता को जनप्रतिनिधियों के जरिए जनता में समाहित करना। सरकार और उनके मुखिया जितनी जल्दी इस बात को समझ लें उतना बेहतर। बहुत हो चुका। जनता अब सत्ता संरक्षित भ्रष्ट और नकारा अधिकारियों तथा नेताओं की निरंकुशता नहीं सहेगी।
बेपरवाही, रिश्वत और भ्रष्टाचार के दुष्चक्र में फंसी है जनता
अपने ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा है कि एनडीए सरकार (NDA Government) में सत्तारूढ़ दल व बेखौफ अफसरों के लिए भ्रष्टाचार बांंए हाथ का खेल बन गया है। दोनों मिलकर अवैध कमाई करते हैं। नागरिक घूस, सरकारी बेपरवाही, परेशानी व भ्रष्टाचार के दुष्चक्र में पिस कर रह जाते हैं। जनता भटक कर रह जाती है पर सुनवाई, कार्रवाई का नामोनिशान नहीं होता।
सरकार पर लगातार हमले कर रहे नेता प्रतिपक्ष
बता दें कि अफसरशाही के मुद्दे पर राज्य सरकार के मंत्री भी सवाल उठा चुके हैं। कुछ दिनों पहले मंत्री मदन सहनी (Minister Madan Sahani) ने आरोप लगाया था कि अफसर उनकी नहीं सुनते। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि वे इस्तीफा दे देंगे। इसको लेकर राज्य सरकार के घटक दलों के नेताओं में भी खूब बयानबाजी हुई थी। इस क्रम में अब तेजस्वी यादव ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाया है। सरकार पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।