बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एक ओर जहां नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस(एनडीए) और महागठबंन के बीच सीधी टक्कर की बात कही जा रही है वहीं दूसरी ओर प्रदेश में एनडीए और महागठंधन को टक्कर देने के लिए तीसरे मोर्चे को खड़ा करने की कवायद हो रही है। तीसरे मोर्चे में आम आदमी पार्टी(AAP) समेत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक अलायंस(UDA) और अन्य राजनीतिक दलों को जोड़कर लोगों के सामने विकल्प दिया जा सकता है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रहे पूर्व वित्त मंत्री और यूडीए के अध्यक्ष यशवंत सिन्हा तीसरे मोर्चे को लेकर आप से बातचीत कर रही है। एक साल पहले ही आप ने यशवंत सिन्हा को दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था लेकिन कुछ बातों को लेकर ऐसा नहीं हो सका। हालांकि सिन्हा का आप से रिश्ता जगजाहिर है।
नरेंद्र मोदी सरकार की लगातार आलोचना कर रहे यशवंत सिन्हा ने इसी साल मई में आप से राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत अन्य नेताओं के साथ कोरोना लॉकडाउन में प्रवासियों को घर भेजने के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग को लेकर नई दिल्ली के राजघाट पर धरने पर बैठे थे जिन्हें बाद में हिरासत में लेकर छोड़ दिया गया था।
बीते कुछ समय से बिहार सरकार की आलोचना कर रहे पूर्व वित्त मंत्री सिन्हा ने अपनी 80 से अधिक आयु को धता बताते हुए जून में बिहार विधानसभा चुनाव में प्रवेश के साथ सक्रिय राजनीति में लौटने की घोषणा की।
15 साल बनाम 15 साल की सत्ता को बदलने का नारा देते हुए उन्होंने कहा कि हमने यूडीए का गठन किया है, जिसमें बिहार को विकल्प देने के लिए 16 छोटी पार्टियों और बदलाव के लिए तरस रहे एक सामान्य विचारधारा से जुड़े वरिष्ठ नेता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि – मैंने अपनी यात्राओं के साथ लगभग दो-तिहाई राज्य को कवर किया है और बाकी एक-तिहाई मैं जल्द ही पूरा करूंगा। हर कोई जानता है कि हम यहां किस लिए हैं। यहां तक कि AAP भी इसे जानती है। सिन्हा ने कहा, UDA से जुड़ने वाले भ्रष्टाचार और आपराधिक प्रवृत्ति वाले नेताओं से दूर रहेंगे।
UDA में जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार, झंझारपुर से पांच बार के सांसद देवेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि, बिहार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह और रेणु कुशवाहा और कई अन्य शामिल हैं। वहीं नए गठजोड़ के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के दौरान कई नेता भी हमारे साथ जुड़ने के लिए इच्छुक होंगे। वहीं पार्टी सूत्रों ने जाप के पप्पू यादव के मोर्चे से जुड़ने की किसी संभावना को खारिज कर दिया।
वहीं बिहार आप प्रमुख सुशील सिंह ने बताया कि सिन्हा के साथ पार्टी के बिहार प्रभारी संजय सिंह वरिष्ट लेवल पर बात कर रहे हैं। वहीं आप बिहार चुनाव को लेकर जमीनी लेवल पर काम कर रहा है कि उसे इस चुनाव के बारे में लोगों के बीच कैसे जाना चाहिए और उसे कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छे लोगों का हमेशा पार्टी में स्वागत है।
उधर आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर महागठबंधन में सम्मान जनक सीट नहीं मिला तो तीसरे मोर्चे में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) भी शामिल हो सकती है। कहा कि- हम उपेंद्र कुशवाहा की बेचैनी देख सकते हैं। अगर वह चाहे तो हमारी लड़ाई में हमारा साथ दे सकते हैं। हम स्वच्छ छवि वाले लोगों के लिए खुले हैं।
वहीं तीसरे मोर्चे में शामिल होने की बात पर रालोसपा के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है। महागठबंधन छोड़ने का इस समय कोई इरादा या वजह नहीं है क्योंकि हम आशा करते हैं कि सीट बंटवारे की बात के दौरान कई चीजें काम करेंगी।
उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे के लिए एक सामान्य समीकरण लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के आधार पर है। हमने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा था और यह करीब 30 सीटों पर आता है। महागठबंधन में शामिल होने वाले नए सहयोगियों को लेकर उन्होंने कहा कि- हम जानते हैं कि सभी घटक दलों को कुछ एडजस्ट करने की आवश्यकता होगी, लेकिन यह उचित और आनुपातिक होना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि महागठबंधन में सौहार्दपूर्ण तरीके से सीट बंटवारा होगा।