बिहार में कोरोना विस्फोट का ताजा हाल यह है कि बुधवार को यहां फिर 3741 नये मामले मिले हैं। इसके साथ राज्य में अभी तक मिले मरीजों की संख्या 90553 हो चुकी है। मंगलवार को कोरोना से 15 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ मौत का आंकड़ा 474 तक पहुंच चुका है। राज्य में एक्टिव मामले 33049 ही हैं। बिहार में कोरोना मरीजों का रिकवरी फीसद 65.70 है। राजधानी पटना 529 नये मामलों के साथ टॉप पर बना हुआ है। पटना देश के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित जिलों में शामिल हो चुका है। खास बात यह भी है कि राज्य में इन दिनों कोरोना की जांच लगतार बढ़ रही है। अब रोज 83 हजार से ज्यादा जांच होने लगी हैं। जल्दी ही इसे बढ़ाकर एक लाख से ज्यादा कर दिया जाएगा।
बुधवार को मिले 3741 नए मामले, टॉप पर पटना
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बुधवार को कोरोना के 3741 नये मामले सामने आए। इनमें सर्वाधिक 529 मामले पटना के हैं। इसके साथ पटना में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 14975 हो चुका हे। बेगूसराय में 254, कटिहार में 200 मधुबनी व पूर्वी चंपारण में 169, मुजफ्फरपुर में 160 तथा सारण में 148 नये मामले मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य में एक्टिव मामलों की संख्या 33049 है। जबकि, अभी तक मिल कुल मामले 90553 हैं।
मंगलवार को मिले 4071 मरीज, 15 की मौत
मंगलवार की बात करें तो राज्य में सीतामढ़ी (बथनाहा) से भारतीय जनता पार्टी विधायक दिनकर राम सहित 4071 लोग कोरोना संक्रमण के शिकार बने। जबकि, 2900 लोगों ने महामारी को पराजित किया। 15 लोगों की मौत भी हो गई। कल पटना में 552 नए संक्रमित मिले थे। कल तक पटना में 10311 मरीज स्वस्थ हो चुके थे।
जांच में तेजी, रोज 83 हजार से ज्यादा जांच
कोरोना संक्रमण की जांच की बात करें तो बिहार में विगत 15 दिनों में जांच में तेजी आई है। अब रोज 83 हजार से ज्यादा जांच हो रही है। स्वास्थ्य विभाग रोज एक लाख से ज्यादा कोरोना सैंपल की जांच की व्यवस्था में जुट गया है। संभावना जताई जा रही है कि अगले सप्ताह से रोज एक लाख जांच शुरू हो जाएगी।
जांच में अभी भी कई राज्यों से पीछे बिहार
रोज 83 हजार से ज्यादा जांच के बाद भी प्रदेश दूसरे कई राज्यों से पीछे है। बिहार में 9855 लोगों की जांच प्रति 10 लाख लोगों पर संभव हो पाई है। जबकि, बंगाल में 11683, उत्तर प्रदेश में 14266 लोगों की जांच प्रति 10 लाख लोगों पर हो रही है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो अगले सप्ताह तक बिहार को दो और कोबास मशीनें मिलने की संभावना है। इसके बाद रोज एक लाख से ज्यादा जांच संभव हो जाएगी। इधर रैपिड एंटीजन किट से लगातार जांच में तेजी लाई जा रही है और डिमांड आधारित जांच चल रही है।