केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह रविवार को अपनी पार्टी के लिए बिहार में पहली वर्चुअल रैली ‘बिहार जनसंवाद’ को संबोधित करेंगे.
हालांकि यह रैली पूरी तरह से ऑनलाइन होगी और अमित शाह के साथ-साथ कार्यकर्ता भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इसमें शामिल होंगे. बता दें, कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने किसी भी तरह के जुटान पर पाबंदी लगाई है. लिहाजा अब चुनाव प्रचार जैसे काम भी वर्चुअल ही किए जा रहे हैं.
बिहार में इस साल अक्टूबर या नवंबर में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं. अमित शाह की इस ऑनलाइन रैली को बिहार में बीजेपी के चुनाव प्रचार के आगाज के रूप में देखा जा रहा है.
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ने चुनावी तैयारी कुछ दिन पहले ही शुरू की है. इसी क्रम में हाल में तेजस्वी यादव ने बस रैली निकाली थी. हालांकि ऑनलाइन रैली के लिहाज से देखें तो बीजेपी ने यह काम सबसे पहले शुरू किया है.
डिजिटल माध्यम से हो रहे इस तरह के पहले कार्यक्रम को बीजेपी हर तरह से कामयाब बनाने में जुटी है, वहीं इसे लेकर कार्यकर्ताओं में भी उत्साह देखा जा रहा है.
इस रैली को लेकर प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में खास इंतजाम किया जा रहा है. कार्यक्रम का संचालन पटना से ही होगा. इस दिन मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित सभी वरिष्ठ नेताओं के रहने की संभावना है.
फिलहाल बिहार में बीजेपी का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ गठबंधन है.
अमित शाह पहले ही कह चुके हैं कि विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार की अगुआई में लड़ा जाएगा. यही बात बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दोहरा चुके हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली को सफल बनाने के लिए बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव और बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष शुक्रवार को पटना पहुंचते ही एक्टिव हो गए.
बीजेपी नेता नंद किशोर यादव के सरकारी आवास पर भूपेंद्र यादव और बीएल संतोष पार्टी नेताओं के साथ रणनीति बनाने में जुट गए हैं. बीजेपी ने अमित शाह की वर्चुअल रैली को ‘बिहार जनसंवाद’ नाम दिया है.
बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों के बूथों पर इस रैली का प्रसारण किया जाएगा. बिहार-जनसंवाद कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्टी के सांसदों, विधायकों, प्रदेश पदाधिकारियों, जिला प्रभारियों, विधानसभा प्रभारियों और पूर्व प्रत्याशियों को जिम्मेदारी दी गई है.
अमित शाह की वर्चुअल रैली को सुनने के लिए वॉट्सऐप, फेसबुक, एसएमएस, ट्विटर, टेलीग्राम के जरिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षों, मंडल अध्यक्षों के साथ ही बूथ अध्यक्षों को रैली का लिंक भेजने का काम शुरू हो गया है.
बीजेपी फॉर बिहार लाइव के माध्यम से 72 हजार बूथों के अलावा 45 जिलों के 9547 शक्ति केंद्र, 1099 मंडलों में बीजेपी कार्यकर्ता अमित शाह का संबोधन सुनेंगे.
ऑनलाइन रैली के बारे में अभी हाल में प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि इस बात की संभावना कम ही नजर आती है कि चुनावों में राजनीतिक दल हेलिकॉप्टर से प्रचार करें या फिर बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन करें.
सुशील मोदी ने कहा था कि बिहार में होने वाले चुनाव में राजनीतिक दल ज्यादा से ज्यादा डिजिटल माध्यम से वोट मांगते नजर आएंगे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां लोगों से मोबाइल और टेलीविजन के जरिए वोट की अपील करती दिख सकती हैं.
उन्होंने कहा था कि बिहार में राजनीतिक दल डोर-टू-डोर कैंपेन का सहारा लेंगे और ज्यादा से ज्यादा ऑडियो और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मतदाताओं से जुड़ेंगे.
जेडीयू ने सुशील कुमार मोदी के उस विचार को काल्पनिक बताया था, जिसमें उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव डिजिटल तरीके से होगा.
जेडीयू ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच देश में डिजिटल गतिविधि में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है मगर बिहार में इसी साल के अंत में होने वाले चुनाव डिजिटल तरीके से होंगे, ऐसा कहना फिलहाल काल्पनिक है.
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “कोविड-19 काल में डिजिटल गतिविधियां देश में काफी बढ़ी हैं और ऐसे में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी परंपरागत तौर पर होने वाली रैलियां और हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल में बदलाव की गुंजाइश हो सकती है.
सुशील मोदी ने जो कहा है वह फिलहाल एक काल्पनिक स्थिति है मगर चुनाव आयोग को कई तरह के बदलाव के लिए खुद को तैयार करना पड़ेगा.”