पटना, शराबबंदी वाले बिहार में आए दिन जहरीली शराब से मौतों पर सियासत भी होती रही है। ताजा मामला नालंदा जिले का है, जहां जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार की सुबह चार लोगों की मौत के साथ मामला उजागर हुआ था। अभी तक मरने वालों की संख्या 12 हो चुकी है। इस घटना के बाद बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के अलावा सत्ता पक्ष के दलों के निशाने पर भी हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने घटना के पीछे प्रशासनिक विफलता को जिम्मेदार ठहराया है तो हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी की समीक्षा की मांग की है। चिराग पासवान ने बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। उधर, लालू प्रसाद यादव के लाल तेज प्रताप यादव ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है।
चिराग पासवान ने की बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन, जन अधिकार पार्टी (JAP) के अध्यक्ष व मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेलिनवादी) के नेता मृतकों के स्वजनों से मिलने उनके घर पहुंचे तथा उन्हें आर्थिक सहायता दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बड़े विरोधी व जमुई के सांसद चिराग पासवान ने भी नालंदा जाकर शराब कांड में मृतकों के स्वजनों से मुलाकात की। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए इसके लिए शासन-प्रशासन की विफलता को जिम्मेदार बताया। कहा कि इस मामले में मरने वालों के स्वजनों को कोई मदद नहीं मिली है, केवल राजनीति हो रही है। पुलिस व प्रशासन की मिलीभगत के बिना शराब का निर्माण और उसकी तस्करी नामुमकिन है। चिराग ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। कहा कि वे राज्यपाल से मिलकर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करेंगे।
तेज प्रताप ने शराबबंदी को बताया ढोंग, खून पीने का धंधा
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री को घेरे में लेते हुए कहा है कि साहब ने शराबबंदी वाली ढोंग की आड़ में ‘खून’ पीने का धंधा शुरू किया है। इसके बाद तेज प्रताप ने आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया है। उधर, लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी घटना पर ट्वीट किया है- लुटता बिहार, पिटता बिहार, जहरीली शराब से मरता बिहार।
बीजेपी का हमला: प्रशासन, पुलिस व माफिया गठजोड़ खत्म हो
दरअसल, बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban Law) के मुद्दे पर इन दिनों विपक्ष के अलावे सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भी विरोध के सुर फूट रहे हैं। खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) व जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच जुबानी जंग तेज है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब से मौत के मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने जेडीयू को निशाने पर लिया। संजय जायसवाल जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा द्वारा उनके जहरीली शराब पीकर मरने वालों के घर जाने पर सवाल उठाने तथा सरकार की नीति के खिलाफ जाने के आरोप पर जवाब दे रहे थे। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अगर शराबबंदी कानून को ठीक से लागू करना है तो सबसे पहले जिम्मेदार बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। इस मामले में प्रशासन शराब तस्करों से मिला हुआ है तो पुलिस ने खुलेआम शराब की बिक्री होने दी। शराबबंदी केा लागू करने के लिए प्रशासन, पुलिस और माफिया गठजोड़ को खत्म करना होगा।
शराबबंदी कानून के खिलाफ फिर बोले मांझी, कहा- समीक्षा हो
पहले से ही शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग करने वाले जीतन राम मांझी ने फिर यह मांग सामने रखी है। मांझी ने पूछा है कि जब केंद्र सरकार कृषि कानून वापस ले सकती है तो बिहार सरकार क्यों अड़ी हुई है? नीतीश कुमार इसे नहीं समझ पा रहे हैं, उन्होंने शराबबंदी को अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है। नालंदा में जहरीली शराब से माैत ऐसी पहली घटना नहीं है। आगे ऐसी घटनाएं नहीं होगी, यह भी नहीं कहा जा सकता है। मतलब साफ है कि शराबबंदी कानून में कुछ खामी है, जिसकी समीक्षा होनी चाहिए। मांझी की बात को आगे बढ़ाते हुए उनकी पार्टी ‘हम’ के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने इस कानून की वापसी की मांग कर दी है।
सीएम नीतीश सरकार के बचाव में अब हमलावर हुआ जेडीयू
जहरीली शराब से मौत के मुद्दे पर हमले झेल रही नीतीश सरकार के बचाव में जेडीयू उतर आया है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने बीजेपी प्रदेशअध्यक्ष संजय जायसवाल पर हमला करते हुए कहा कि वे कब क्या बोलते हैं, उन्हीं को समझ में आता होगा, हम तो नहीं समझ पाते हैं। उन्हें सवाल पूछना है तो सरकार से पूछें, पार्टी से सवाल करने का कोई अर्थ नहीं है। जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जानते हैं कि बिहार में जहरीली शराब बेचने वाले को फांसी तक की सजा हुई है। 250 से ज्यादा पुलिसकर्मियों और 10 से अधिक उत्पाद विभाग के कर्मियों को बर्खास्त तक किया जा चुका है। बड़ी संख्या में अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा था कि नीतीश कुमार द्वारा लिया गया शराबबंदी का फैसला साहसिक व सराहनीय है।