बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सूबे की सियासत में अब चुनावी रंग भी घुलने लगा है. विपक्ष लगातार सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है.

विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने लालू-राबड़ी शासन के दौरान हुई गलतियों के लिए माफी मांगने का दांव चल दिया है, वहीं अब मुख्यमंत्री और सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार भी सियासत के चुनावी अखाड़े में पूरे दम-खम के साथ उतरने को तैयार नजर आ रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्चुअल रैली से अपने चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे. नीतीश की वर्चुअल रैली 7 अगस्त को होगी. जेडीयू का दावा है कि इस रैली से सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म के जरिए 10 लाख लोगों को जोड़ा जाएगा.
दावा यह भी किया जा रहा है कि इस रैली से जुड़ने वाले पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं की तादाद इन 10 लाख लोगों से अलग होगी.
नीतीश की वर्चुअल रैली से पहले 18 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक जेडीयू की चार टीमें बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल सम्मेलन करेंगी.
इन चार टीमों का नेतृत्व सांसद आरसीपी सिंह, ललन सिंह, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और बिहार सरकार में मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव करेंगे. बताया जाता है कि ये टीमें प्रतिदिन छह विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल सम्मेलन करेंगी.
प्रदेश के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल सम्मेलन के कार्यक्रम को 31 जुलाई तक पूरा कर लिया जाना है.
बता दें कि 7 से 12 जून के बीच नीतीश कुमार ने बिहार के सभी जिलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ वर्चुअल कार्यकर्ता सम्मेलन किया था. इस दौरान उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति पर भी कार्यकर्ताओं से वार्ता की थी.
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